कविता आनंद बहादुर की कविताएँ जीवन की अंतर्यात्रा को उकेरती हैंसमकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 2023 by समकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 20230145 विनय सौरभ नहीं होने ने जो थोड़ी सी जगह खाली की है वह मैं हूँ एक दिन नहीं होना किसी जगह से आएगा और...
कविता सुभाष यादव की कविताएँ संभावनाओं की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 2022 by समकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 20220102 विनय सौरभ सुभाष यादव की कविताएँ आपको चौंकाएँगी नहीं। न ही किसी विस्मय से भरेंगी ! ये कविताएँ वैसी ही हैं जैसे किसी निर्जन...
कविता राही डूमरचीर आदिवासी समाज और जीवन के गहरे कंसर्न के कवि हैंसमकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 202102159 विनय सौरभ राही डूमरचीर की कविताएँ पढ़ते हुए कुछ साधारण चीज़ें असाधारण तरीक़े से उनकी कविताओं में आती दिखती हैं। जैसे उनकी कविताओं के विषय।...
कविता विनय सौरभ लोक की धड़कती हुई ज़मीन के कवि हैंसमकालीन जनमतNovember 3, 2019November 4, 2019 by समकालीन जनमतNovember 3, 2019November 4, 20194 4406 प्रभात मिलिंद कवि अपनी कविता की यात्रा पर अकेला ही निकलता है. जब इस यात्रा के क्रम में पाठक उसके सहयात्री हो जाएँ तो समझिए...