समकालीन जनमत

Tag : स्मृतिलेख

स्मृति

प्रो. लाल बहादुर वर्मा: वे एक साथ अध्यापक और दोस्त दोनों थे

समकालीन जनमत
धर्मेंद्र सुशांत लाल बहादुर वर्मा नहीं रहे.. करीब 20–21 साल पहले पटना में उनसे पहली बार मुलाकात हुई थी गोकि जान उन्हें पहले चुका था....
जनमतस्मृति

जनतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर, निडर रचनाकार-अर्चना वर्मा

समकालीन जनमत
(हंस और कथादेश जैसी पत्रिकाओं का सार्थक सम्पादन कर साहित्यिक पत्रकारिता में स्त्री-हस्तक्षेप के लिए भरपूर गुंजाइश बनाने वाली अर्चना वर्मा गत 16 फरवरी को...
Fearlessly expressing peoples opinion