कवितासाहित्य-संस्कृति ‘ रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ’कौशल किशोरMarch 6, 2018July 7, 2020 by कौशल किशोरMarch 6, 2018July 7, 202004909 लखनऊ में ‘ब याद: मीर तकी मीर’ का आयोजन ‘रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब/कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था’. ...