जनमत कुम्भ मेला : संगम आस्था और त्रासदी कादिनेश अस्थानाFebruary 8, 2025February 10, 2025 by दिनेश अस्थानाFebruary 8, 2025February 10, 20250362 29 जनवरी लगने ही वाली थी। प्रयागराज के महाकुम्भ मेले में संगम नोज़ पर अचानक भीड़ उमड़ पड़ी, भगदड़ मच गयी। घटना के लगभग 10...
ग्राउन्ड रिपोर्ट खून के धब्बे धुलेंगे…के के पांडेयFebruary 3, 2025February 4, 2025 by के के पांडेयFebruary 3, 2025February 4, 20250219 महाकुंभ को लेकर देश भर में महीनों चले प्रचार अभियान, लोगों से कुंभ में आने का आवाहन करती हुई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की होर्डिंगों, धर्माचार्यों,...
ग्राउन्ड रिपोर्ट महाकुंभ : कॉरपोरेट व सांप्रदायिकताके के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 2025 by के के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 20250240 इलाहाबाद के प्रसिद्ध कवि दिवंगत कैलाश गौतम की कविता ‘ अमवसा क मेला’ की पंक्तियां याद करें- अमवसा नहाए चलल गांव देखा। एहू हाथे झोरा...
कहानीसाहित्य-संस्कृति गांव की साझी सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन गति और उसके संकट को केन्द्र में रखती है हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’समकालीन जनमतAugust 23, 2018 by समकालीन जनमतAugust 23, 20182 2640 (हाल ही में ‘पल-प्रतिपल’ में प्रकाशित हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’ को हमने समकालीन जनमत पोर्टल पर प्रकाशित किया , जिस पर पिछले दिनों...