कविताजनमत अपूर्णता से उपजे तनाव की कवयित्री हैं ज्योति शोभासमकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 202004398 आशीष मिश्र छुपने के लिए साँस भर जगह.. ज्योति शोभा की कविताओं में उतरने के लिए धैर्य अपेक्षित है। थोड़ी सी भी हड़बड़ी इसके सौंदर्य...