साहित्य-संस्कृति ‘ एक तख्तनशीं आज भी इतराया हुआ है , वो ही खुदा है सबको ये समझाया हुआ है ’समकालीन जनमतJanuary 30, 2021January 30, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 30, 2021January 30, 202102008 गोरख स्मृति आयोजन के दूसरे दिन सत्रह कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया पटना. ‘‘ किसान की मेहनत के महत्व का सम्मान...
शख्सियत कविता की मुक्ति और मुक्ति की कविताः गोरख पाण्डेय का काव्यप्रणय कृष्णJanuary 29, 2021January 27, 2024 by प्रणय कृष्णJanuary 29, 2021January 27, 202402494 (सन् 2005 में ‘ समय का पहिया ‘ शीर्षक से प्रकाशित गोरख पाण्डेय की चुनिंदा कविताओं के संकलन की भूमिका के रूप में लिखे इस...