स्मृति किसी जिद्दी धुन की तरह बिना किसी पूर्व सूचना के बज उठती है गोरख की कवितागोपाल प्रधानJanuary 29, 2020April 8, 2020 by गोपाल प्रधानJanuary 29, 2020April 8, 202002718 गोरख पांडे का जन्म 1945 में देवरिया जिले के गाँव पंडित का मुंडेरवा में हुआ था । इस लिहाज से अगर वे आज जीवित रहते...
स्मृति गोरख की एक कहानी : एक सूत्र औरसमकालीन जनमतJanuary 29, 2020April 8, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 29, 2020April 8, 202001735 बाबू भोलाराय ने जमाने के रंग ढंग खूब देखे हैं । उनको पता रहता है कि दुनिया अब किधर जा रही है । उनको यह...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति गोरख स्मृति दिवस पर व्याख्यान और काव्य पाठ का आयोजनविष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 2019 by विष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 201902985 इलाहाबाद. 29 जनवरी को परिवेश और जन संस्कृति मंच की तरफ से गोरख स्मृति व्याख्यान और काव्यपाठ का आयोजन किया गया. प्रो. अवधेश प्रधान ने...
कविता कविता के सोलह दस्तावेज़ : गोरख की भोजपुरी कविताएँमृत्युंजयJanuary 29, 2019January 29, 2019 by मृत्युंजयJanuary 29, 2019January 29, 201902725 गोरख का काव्य-संसार गहन द्वंद्वात्मक है। उसमें 70 के दशक का उद्दाम वेग और 80 के दशक का ठहराव एक साथ है। सधी हुई दिल...