कविता उज़्मा सरवत की कविताएँ व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं।समकालीन जनमतAugust 11, 2024 by समकालीन जनमतAugust 11, 20240560 मेहजबीं उज़्मा सरवत की कविताएँ समकालीन समय की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितियों और पूंजीवादी व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं। बहुत नपे-तुले शब्दों में...