समकालीन जनमत

Tag : अनुपम त्रिपाठी

कविता

सच के रास्तों ने दुर्गम ही बनाया है जीवन को : ज्योति चावला की कविताएँ

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अनुपम त्रिपाठी ‘यह उनींदी रातों का सफर है’ ज्योति चावला का नया कविता संग्रह है। इस संग्रह में उनकी पचास कविताएँ संकलित हैं जोकि उनके...
कविता

प्रदीप सैनी की कविताएँ अपने समय में फैलाई जा रही अविश्वसनीयता के ख़िलाफ़ प्रतिरोध दर्ज करती हैं

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अनुपम त्रिपाठी एक छोटी सी कहानी से बात शुरू करूँ। एकबार जंगल के सभी जानवर पुराने राजा यानी शेर से बहुत तंग आ गए। तो...
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सतीश छिम्पा की कविताएँ अपने समय से किये गए बेचैन सवाल हैं

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अनुपम त्रिपाठी सतीश जी राजस्थान के रहने वाले हैं. इनके तीन कविता संग्रह ‘लहू उबलता रहेगा’ (फिलिस्तीन के मुक्ति संघर्ष के लिए), ‘लिखूंगा तुम्हारी कथा’, ‘आधी...
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गोलेन्द्र की कविताएँ: अपनी बोली में जनता के दुखों और आक्रोश को ज़ाहिर करती नयी कलम

समकालीन जनमत
अनुपम त्रिपाठी समकालीन जनमत के लिए ‘नई कलम’ में आज बात करते हैं गोलेन्द्र पटेल की कविताओं पर। कई बार कच्चेपने की अपनी एक अलग...
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अशोक तिवारी की कविताओं का तेवर नुक्कड़ कविता का है

समकालीन जनमत
अनुपम त्रिपाठी अशोक तिवारी हमारे दौर के चर्चित कवि हैं। अब तक इनके तीन कविता संग्रह आ चुके हैं- सुनो अदीब (2003), मुमकिन है (2009),...
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