कविता मुमताज़ सत्ता की चालाकियों को अपनी शायरी में बड़े सलीके से बेनक़ाब करते हैंसमकालीन जनमतSeptember 20, 2020September 20, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 20, 2020September 20, 202002159 संविधान के पन्नों में तंबाकू विल्स की भर-भर के संसद की वो चढ़ें अटरिया, जै जै सीता-जै जै राम ये एक ऐसे शायर का शे’र...
शख्सियत मोहब्बत और उम्मीद के शायर फ़िराक़ गोरखपुरीविष्णु प्रभाकरMarch 3, 2020March 3, 2020 by विष्णु प्रभाकरMarch 3, 2020March 3, 20205 3234 (उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की पुण्यतिथि पर युवा कहानीकार, आलोचक विष्णु प्रभाकर का लेख। ) उर्दू शायरी में कहन पर जियादा जोर है।...
स्मृति विष्णु प्रभाकर : उनके पैरों में गति और कंठ में संगीत थासमकालीन जनमतJune 21, 2018June 21, 2018 by समकालीन जनमतJune 21, 2018June 21, 20185 3991 एक बार किसी ने पूछा था--‘ विष्णु जी, तुम्हें दो वरदान मांगने का अवसर मिले तो क्या मांगोगे ? ’ तुरन्त उत्तर दिया उन्होंने--‘ पैरों...