ग्राउन्ड रिपोर्ट महाकुंभ : कॉरपोरेट व सांप्रदायिकताके के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 2025 by के के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 20250240 इलाहाबाद के प्रसिद्ध कवि दिवंगत कैलाश गौतम की कविता ‘ अमवसा क मेला’ की पंक्तियां याद करें- अमवसा नहाए चलल गांव देखा। एहू हाथे झोरा...
ज़ेर-ए-बहस चंदे का धंधा उर्फ हफ्ता-वसूलीसमकालीन जनमतApril 8, 2024April 8, 2024 by समकालीन जनमतApril 8, 2024April 8, 2024089 हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। हांलाकि यह कोई अलग से कहने की बात नहीं है परंतु अब वह दौर आ गया है जब...