समकालीन जनमत

Tag : अर्चना लार्क

पुस्तक

इंजीकरी: सहेली सा संवाद करतीं, समय की भाषा गढ़तीं बिल्ब पत्र सरीखी कविताएँ

समकालीन जनमत
अर्चना लार्क कवि अनामिका अनु का कविता संग्रह ‘इंजीकरी’। बिल्वपत्र’ सरीखी इस संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं कि पाठक का...
कविता

अर्चना लार्क की कविताओं में समकाल की बारीक़ परख है

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री अर्चना लार्क की काव्य संवेदना का पाट व्यापक है। वे अपनी संवेदना के विस्तृत परिसर में हर जीवंत घटना को समेट...
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