14 अगस्त, पटना . स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोरस द्वारा सांस्कृतिक प्रतिरोध की एक शाम का आयोजन किया गया .
यह आयोजन सरकारी संरक्षण में हो रहे मुजफ्फरपुर,पटना,देवरिया समेत पूरे देश में महिलाओं पर हो रही वीभत्स यौन हिंसा के ख़िलाफ़ था.
कार्यक्रम की शुरुआत 1857 के नायक अजीमुल्ला खां के गीत ‘हम हैं इसके मालिक हिंदुस्तान हमारा’ से हुई. इसी दौरान वामदलों का कैंडिल मार्च जीपीओ गोलंबर से चलकर बुद्ध स्मृति पार्क पहुंचा .
कार्यक्रम की शुरुआत 1857 के नायक अजीमुल्ला खां के गीत ‘हम हैं इसके मालिक हिंदुस्तान हमारा’ से हुई. इस कार्यक्रम में कोरस की टीम ने ‘संरक्षण गृहों में लड़कियों के साथ जो दुष्कर्म हो रहा है, उस पर आधारित नाटक किया .
नाटक का नाम ‘रेलगाड़ी’ था और इसमें यह सवाल उठाया गया कि ये जो बलात्कार की गाड़ी चल पड़ी है वह कब रुकेगी?इस नाटक में नंदिनी,चांदनी,रोहिम,मात्सी,रिया,रवि,नीतीश,अविनाश ने भाग लिया और लिखा ऋचा ने.नाटक का निर्देशन समता राय ने किया.इसी सवाल पर जनगीतों की भी प्रस्तुति की गयी,गाने में नंदिनी,चांदनी,रोहिम,अनोखी मात्सी,रिया,रवि,नीतीश,अविनाश,समता राय,रुनझुन,पलक, पीहू,आसिफ,काशी कपाड़िया,और ज्योतिकांत शामिल थे.
आगे देखिए प्रतिरोध के छाया चित्र: