सीतामढ़ी/सर्लाही. नेपाल-भारत के नागरिक समाज ने साझा बयान जारी कर कहा है कि दोनों देश खुली सीमा की गरिमा बनाये रखें और ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे सीमा के दोनों ओर जन जीवन मे बाधा आती है.
इस बयान को संयुक्त रूप से पर नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रकिशोर, नागरिक समाज सर्लाही 3 के सचिव शिवचन्द्र चौधरी, नेपाल पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष विश्वनाथ ठाकुर, भारत की ओर सीतामढ़ी के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रामशरण अग्रवाल, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता नागेन्द्र प्रसाद सिंह और लेखक आशा प्रभात ने जारी किया है.
इस बयान में कहा गया है कि नेपाल-भारत के आपसी रिश्तों का एक लंबा सौहार्द पूर्ण इतिहास है. संस्कृति और प्रकृति हमें जोड़ती है. नेपाल- भारत संबंधों को दोनों देशों में ‘रोटी बेटी’ के रिश्तों से जाना जाता है. दुनिया में सम्बन्ध को अद्वितिय बनाने का आधार खुली सीमा और वैवाहिक संबंध है.
वैवाहिक संबंधों की जड़ें सीमा के आर पार गहरी और व्यापक हैं. कोरोनाकाल में संक्रमण फैल सकने को कारण बताते हुए दोनों देशों के सरकार सीमा को सील कर दिया गया। लेकिन यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि इस बार का “सील” विगत से फरक और मौलिक है. राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा में ” महामारी संक्रमण ” को आधार मानकर सम्भवतः पहली बार बार्डर सील किया गया. सीमा पर दोनों तरफ सुरक्षाकर्मियों का व्यापक परिचालन किया गया है. इससे एक दूसरे तरफ अपने-अपने घर लौटने वालें लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है. अभी भी इसका उपयुक्त व्यावहारिक हल नहीं ढूंढा गया है. सीमावर्ती क्षेत्र की जमीनी हकीकत समझने में काठमांडू और दिल्ली की सरकार असफल रही है.
सीमावर्ती क्षेत्र के प्रादेशिक सरकार अर्थात नेपाल के प्रदेश २ ( जनकपुर) और भारत के बिहार (पटना) के बीच आवश्यक समन्वय और तत्काल समन्वय की व्यवस्था किया गया होता तो इस तरह से जनसामान्य को दुर्दिन देखना नहीं पड़ता.
बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आज भी इस तरह का व्यवस्था की जरूरत है। नेपाल – भारत सीमा के बिहार राज्य सीतामढ़ी जिला स्थित सोनबरसा प्रखंड के जानकीनगर गाँव की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 12 जून की सुबह नेपाली सुरक्षा बल द्वारा गोली चलाने और गोली लगने से एक भारतीय नागरिक की मृत्यु घटना स्थल पर ही हो गयी. दो नागरिक गोली लगने से जख्मी हैं और उनका इलाज चल रहा है. हम लोग इस दुर्भाग्यपूर्ण गंभीर घटना से चिंतित हैं.
नागरिक समाज ने कहा कि ऐसी घटना से बचा जाना चाहिए. हम मृतक भारतीय नागरिक के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और हमारी संवेदना दुखी परिवार के साथ है। हम उनकी पीड़ा को समझते हैं। हमारी प्रार्थना है कि जख्मी नागरिक शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें। हम दोनों राष्ट्रों की सरकारों से अनुरोध करते हैं कि नेपाल- भारत सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाएँ कि दोनों तरफ के सुरक्षा बल संयम और धीरज से काम लिया करें। सीमावर्ती क्षेत्र में खटाए जानेवाले सुरक्षाकर्मियों को इस क्षेत्र के जन सम्बंन्ध और जनसंस्कृत्ति संबंधित आवश्यक जानकारी दिया जाए और संवेदनशीलता बरतने को कहा जाए ।
जानकीनगर घटना की एक साझा वास्तविक जाँच कर सच्चाई को शीघ्र सामने लाना आवश्यक है। दोनों राष्ट्रों की सरकारें अपने अपने नागरिकों के हितों के लिए काम करती हैं ऐसे में उपरोक्त कदम मददगार ही होगें. स्थानीय स्तर पर भारत या नेपाल का स्थानीय प्रशासन कोई ऐसा काम नहीं करे जिससे सीमा के दोनों ओर जन जीवन मे बाधा आती है. ऐसे कोई भी फैसले नेपाल व भारत की सरकारों को लेने से बचना चाहिए जिससे खुली सीमा की गरिमा में खरोंच लाए.
वर्तमान हालात में गंभीर घटना और परिस्थितियों के बावजूद सीमा के दोनों और की आम जनता ने जिस धीरज और संयम का परिचय दिया है, हम उसका सादर अभिनंदन करते हैं. यह इस बात का सबूत है कि सीमांचल में सीमा के दोनों तरफ आम जनता आज भी नेपाल -भारत के परंपरागत गहरे रिश्तों को मानती और जानती हैं. दोनों देशों की सरकारों को इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए.