Sunday, October 1, 2023
Homeख़बर‘ मोदी सरकार ने युवा भारत को बेरोजगार भारत बनाया, लोकसभा चुनाव...

‘ मोदी सरकार ने युवा भारत को बेरोजगार भारत बनाया, लोकसभा चुनाव में जवाब देंगे युवा ’

गोरखपुर में आयोजित हुआ इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) का छठवां राज सम्मेलन
राकेश सिंह अध्यक्ष और सुनील मौर्या सचिव चुने गए, 41 सदस्यीय कार्यकारिणी बनी

गोरखपुर। गोरखपुर की सड़कें शनिवार की दोपहर ‘ जुमला नहीं जवाब दो, पांच साल का हिसाब दो, नफरत युद्धोन्माद मत फैलाओ, रोजगार कहां है ये बतलाओ ’ के नारे से गूंज उठा। सैकड़ों नौजवान गोरखपुर स्टेशन से काली मंदिर, गोलघर, बैंकरोड, बक्शीपुर होते हुए सैकड़ों नौजवानों का जत्था घासीकटरा रोड पर रहमत नगर स्थित हैप्पी मैरेज हाउस तक पहुंचे। ये नौजवान इंकलाबी नौजवान सभा का छठवें राज्य सम्मेलन के मौके पर गोरखपुर में रोजगार अधिकार मार्च निकाल रहे थे। युवाओं ने मोदी-योगी सरकार को शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर पूरी तरह फेल बताया और अहंकारी, अत्याचारी, दमनकारी मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।


सम्मेलन के खुले सत्र को जन संस्कृति के महासचिव मनोज कुमार सिंह, आइसा के संस्थापक सदस्य एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक चैधरी, इंकलाबी नौजवान सभा के राष्टीय महासचिव नीरज, आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान, रेलवे के लोको रनिंग स्टाफ एसोसएिशन के नेता जेएन शाह, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड मेडिकल रिप्रंजेटेटिव एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने सम्बोधित किया।

सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह ने मोदी सरकार द्वारा 5 सालों में युवाओं, महिलाओं, शिक्षा, रोजगार, किसानों, सामाजिक न्याय और संविधान पर हमलों के विस्तृत आंकड़े पेश करते हुए कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। इसलिए आज उसे 2014 का चुनावी घोषणा पत्र तक छुपाना पड़ रहा है। यही नहीं किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, गरीबी के आंकड़ों को जारी करने से रोक दिया गया है ताकि मोदी सरकार की नाकमी छुप जाए लेकिन जनता के सामने सचाई आ आ गई है।

उन्होंने मोदी-योगी सरकार पर युवा भारत को बेरोजगार भारत और युवा आत्महत्या का देश बना देने का दोषी बताया। उन्होंने बुद्ध, गोरखनाथ, कबीर, प्रेमचंद, फिराक, चैरीचैरा विद्रोह की धरती को तीन दशक से नफरत की राजनीति का केन्द्र बनाने वाली ताकतों को गोरखपुर से उखाड़ फेंकने और उसे इंकलाबी राजनीति का केन्द्र बनाने का आह्वान किया।
इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज ने कहा कि गरीबों से शिक्षा छीनी जा रही है। पहले यह काम सामंतों ने किया और अब खुद सरकार इस काम को कर रही है। हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली मोदी सरकार केन्द्र सरकार के 60 लाख रिक्त पदों को नहीं भर पाई। उन्होंने रोजगार मांगो इंडिया, रोजगार अधिकार आंदोलन, सड़क पर स्कूल आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि इंकलाबी नौजवान सभा एक ऐसा संगठन है जिसके पास क्रांतिकारी विरासत, विचार की शक्ति है और आज का भारत उसे समाज के संघर्षों का हिरावल दस्ता बनने का अवसर दे रहा है। इंकलाबी नौजवान सभा पर इस ऐतिहासिक कार्यभार को पूरा करने की चुनौती है।


भाकपा माले के गोरखपुर के जिला सचिव कॉमरेड राजेश साहनी ने कहा कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यूपी से दिल्ली तक की सड़कों को युवाओं ने संसद में तब्दील कर दिया है. दो अप्रैल भारत बंद, जनवरी में किसानों का संसद घेराव, 7 फरवरी को रोजगार अधिकार मार्च, 13 पॉइंट रोस्टर के खिलाफ आंदोलन कर भारत के युवा और किसानों ने बुनियादी मुद्दों को देश की राजनीति के केन्द्र में लाने का काम किया है।


गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि जब से ये सरकार आई है तब से दलितों, महिलाओं, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के ऊपर हमला बढ़ा है। इस दमनकारी सरकार को जनता की एकता से पराजित करने का समय आ गया है। आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने उत्तर प्रदेश में रोजगार भर्तियों में भ्रष्टाचार, विश्वविद्यालय कैम्पसों में छात्र राजनीति पर हमले का मुद्दा उठाया और कहा कि युवाओं की आवाज का दबाया नहीं जा सकता।


जेएन शाह और राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि देश में व्यवस्था बदलाव की लड़ाई वाम ताकतें ही लड़ सकती है। हमें मोदी सरकार को 2019 में विदा करना है और आने वाले समय में सरकारों से रोजगार, गरीबी, खेती-किसानी, महिलाओं की सुरक्षा-सम्मान के मुद्दों पर संघर्ष को और तीखा करना है।
सम्मेलन के सांगठनिक सत्र में इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव राकेश सिंह ने सांगठनिक व राजनीतिक रिपोर्ट पेश की जिस पर प्रतिनिधियों ने चर्चा की। प्रतिनिधि सत्र में बनारस से कमलेश यादव, सुनील मौर्य, शाश्वत, जितेंद्र पासवान, राजू राजभर, महेश गुप्ता, संगीता भारती आदि ने अपनी बात रखी। प्रतिनिधियों ने प्राथमिक शिक्षा की बदहाली, रोजगार, रोजगार गुणवत्ता, महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा के मुद्दे पर प्रभावी आंदोलन विकसित करने पर बल दिया।

सम्मेलन के आखिर में इंकलाबी नौजवान सभा की 41 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी चुनी गई। कार्यकारिणी के सदस्यों ने राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष और सुनील मौर्या को सचिव चुना।

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments