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रक्षा बजट कम कर भारत और पाक शिक्षा-स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाएं : संदीप पाण्डेय

अहमदाबाद : साबरमती आश्रम से 19 जून को शुरू हुई भारत-पाक शांति एवं मैत्री पदयात्रा 30 जून को संपन्न हो गई. बी.एस.एफ़. की अनुमति न होने के कारण पद यात्री भारत-पाकिस्तान सीमा नाडा बेट तक नहीं जा सके और यात्रा को 25 किलोमीटर पहले नंदेश्वरी माता मंदिर पर समाप्त घोषित कर समापन समारोह अहमदाबाद में किया गया.

 प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय और उनके साथियों ने गाँधी आश्रम से नाडा बेट तक की 290 किलोमीटर की पदयात्रा 19 जून को शुरू की थी. पैदल यात्रा को पहले दिन अहमदाबाद पुलिस द्वारा रोक लिया गया था. सभी पदयात्रियों को को पुलिस ने डिटेन कर तीन घंटे रानिप पुलिस स्टेशन रखा . रिहाई के बाद पदयात्रा गाँधी नगर के अडालज से आरंभ करनी पड़ी. शुरू के 15 किलोमीटर और अंत के 25 किलोमीटर छोड़कर इन लोगों ने लगभा 250 किलोमीटर की यात्रा पैदल चली.

समापन के मौके पर मीडिया से बात करते हुए संदीप पाण्डेय ने बताया “यात्रा के दरमियान हम लोगों ने कुछ मांगो को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. इस अभियान के तहेत हमारी मांगों के समर्थन में लगभग 500 लोगों ने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन और जसोदा बेन के परिवार के लोगों के भी हस्ताक्षर हैं. यात्रा के दरमियान बलिसना गाँव की तरफ से एक मांग आई कि पाकिस्तान का कांसुलेट अहमदाबाद में भी खोला जाये. इस मांग को भी हम दोनों सरकारों के सामने रखेंगे. बलिसना गाँव के 100 से अधिक परिवारों की रिश्तेदारियां पाकिस्तान में है.

पाण्डेय ने बताया कि थरा और देयोदर के बीच बलदेव नाथ बापू का आश्रम है जो लोहाणा समाज के गुरु हैं. पाकिस्तान में 500 परिवार ऐसे हैं जो इनके भक्त हैं. पिछले वर्ष बापू एक महिना पाकिस्तान में रहकर आये हैं वहां सत्संग भी किया. बापू “हे नाथ” नाम से एक अस्पताल बनवा रहे हैं. बापू ने एक मंदिर भी बनवाया है.

यात्रा का मुख्य उद्देश्य था बापू की अहिंसा की नीति को अपनाते हुए भारत पाक सरकारें तय करें कि सीमा पर गोली नहीं चलाई जाएगी. भारत या पाक का कोई भी सैनिक गोलियों से नहीं मरेगा. जिस प्रकार से पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  ने दिल्ली से लाहोर की बस सेवा शुरू की थी उसी प्रकार से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी सुई गाम से कराची की बस सेवा को शुरू करें.

पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर लेबर एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर एवं मजदूर नेता करामत अली ने स्काइप पर संबोधित करते हुए सभी यात्रियों को बधाई दी और कहा  कि 2016 से सार्क समिट नहीं हो रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. यदि सरकारें ऐसी समिट नहीं कर रही हैं तो आम जनता को इस प्रकार की समिट करना चाहिए. यदि समिट पाकिस्तान या भारत में संभव न हो तो हमारे पास नेपाल विकल्प है जहाँ पर आसानी से सभी देश के आम जन एकत्र हो सकते हैं. हम हजारों वर्ष साथ रहे हैं. दुश्मन कैसे हो सकते हैं. टकराव के कारण एक दुसरे के दुश्मन लगते हैं. बहुसंख्यक लोग अमन चाहते हैं. थोड़े से पागल लोग हर जगह होते हैं. वह पाकिस्तान में भी हैं लेकिन अक्सरियत अमन चाहती है जो खामोश है.

करामत अली ने मछुवारे के मुद्दे पर कहा दोनों देश को जेलों में बंद मछुवारों की सूची का अदान-प्रदान करना चाहिए ताकि पता चले किस देश के कितने लोग जेलखानों में हैं. दोनों देश को मछुवारों को तुरंत छोड़ना चाहिए.

पाकिस्तान स्थित गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता सईदा दीप ने कहा इस समय पाकिस्तान में आम चुनाव है जिस कारण हमलोग यात्रा के समर्थन में कुछ ख़ास नहीं कर पाए. अगली प्रस्तावित यात्रा के समय हम लोग भी पाकिस्तान से भी यात्रा निकालेंगे और कोशिश रहेगी दोनों तरफ के लोग यात्रा के माध्यम से मिल सकें. करामत अली ने बताया यात्रा भले ही हिंदुस्तान में हुई हो लेकिन इसका प्रभाव पाकिस्तान में भी है. 25 जुलाई को चुनाव के बाद नई सरकार आने पर और असर दिखेगा

संदीप पाण्डेय ने दक्षिण एशिया को अणु बम मुक्त करने की मांग दोहराते हुए कहा जो देश जंग से दूर हैं वह तरक्की कर रहे हैं. बंगलादेश का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि साक्षरता दर , कुपोषण ,प्रजनन दर , बल एवं महिला स्वस्थ जैसे सामाजिक मानक पर बंगलादेश, पाकिस्तान और भारत से आगे निकल गया है. रक्षा बजट कम कर भारत और पाक को शिक्षा और स्वस्थ पर खर्च करना चाहिए.

यात्रा के मुख्य आयोजक कौशर अली सय्यद ने कहा “ सरकारें खरबों रुपये बम बारूद और हथियारों पर खर्च करती है क्योंकि सरकार के मंत्री और सौदे से जुड़े लोग करोड़ों रुपये दलाली और भ्रष्टाचार से कमाते हैं. बोफोर्स से लेकर अगस्ता वेस्टलैंड डील का भ्रष्टाचार हमारे सामने है .यही मुख्य कारण है जो भारत और पाकिस्तान की सरकारें रक्षा बजट में कमी नहीं कर रही हैं.

सय्यद ने कहा कि यात्रा की कामयाबी से सभी यात्री उत्साहित हैं और इसी वर्ष के अंत में एक और यात्रा भुज से खावड (पाकिस्तान सीमा ) की भी योजना है. सय्यद ने यूपी से आये साथी नन्द लाल , अलोक पाण्डेय , नरेश चंद सिंह का आभार व्यक्त किया. बनारस से आये नन्द लाल स्टार पदयात्री रहे. उनके गीत यादगार रहे. इस यात्रा से तनु श्री बेन और मंजिल नानावती महिला पदयात्री के तौर पर हिस्सा रही हैं.

पदयात्रियों के सम्मान में वाघ बकरी चाय के मालिक पियूष देसाई ने भी गाँधी आश्रम एक कार्यक्रम का आयोजन किया जहाँ पर सभी यात्रियों ने अपने यात्रा का अनुभव साझा किया. पियूष देसाई गुजरात के बड़े कारोबारी हैं और गांधीवादी विचारों से प्रभावित अहिंसावादी हैं. देसाई भी भविष्य में रोटरी क्लब इंडिया – पाकिस्तान के माध्यम से यात्रा के बारे में सोच रहे हैं. देसाई हमेशा हिन्दू मुस्लिम सौहार्द बना रहे इसके लिए प्रयत्नशील रहते हैं. देसाई सप्ताह में एक बार अपने मित्रों के साथ गाँधी आश्रम भी जाते हैं ताकि बापू के विचारों से जुड़े रहें.

 

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