आजमगढ़- पूरे प्रदेश और खासकर बिलरियागंज (आजमगढ़) में सी ए ए विरोधी आंदोलन पर हुए बर्बर दमन के विरुद्ध वामपंथी पार्टियों ने रिक्शा स्टैंड आजमगढ़ पर धरना-प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र प्रशासन को दिया।
धरना-प्रदर्शन में सबसे पहले सीपीआई के सचिव श्रीकान्त सिंह व अन्य दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी गयी. इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए माले के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश नारायण ने कहा कि नागरिकता कानून में संविधान विरोधी बदलाव करके मोदी सरकार समाज के बड़े हिस्से को देश की नागरिकता से बाहर करने और हिटलर के तर्ज पर मनचाही वोटरलिस्ट तैयार कर सत्ता पर हमेशा के लिए कब्जा रखने की साज़िश कर रही है। उन्होंने कहा कि बिलरियागंज में जैसी बर्बरता की गयी और पूरे प्रदेश में दमन का जो दौर चला उसने हिटलरशाही को भी शर्मसार कर दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सच्चिदानंद राय और अनिल कुमार राय ने सीएए, एनपीआर, एन आर सी के खतरे की तरफ आगाह करते हुए इसके विरुद्ध हर स्तर पर संघर्ष की अपील की। सी पी एम के कामरेड रामायन ने पुलिसिया दमन की निंदा करते हुए इसके विरुद्ध संगठित संघर्ष की जरुरत पर बल दिया।
मांगपत्र के जरिए बिलरियागंज मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित करने, मुकदमा वापस लेकर गिरफ़्तार लोगों को रिहा करने और संविधान विरोधी सीएए, एनपीआर, एन आर सी को रदद् करने की मांग की गयी।
सभा की अध्यक्षता सीपीआई के कामरेड बी राम, सीपीएम के कामरेड रामायन ने और संचालन कामरेड सच्चिदानंद राय एडवोकेट ने किया।
सभा को माले नेता ओमप्रकाश सिंह, विनोद सिंह, सीपीएम के वेदप्रकाश, जियालाल, रामवृक्ष सीपीआई के पंचदेव राही, मोती राम यादव, बोल्शेविक पार्टी के रामराज और तमाम वामपंथी नेताओं ने संबोधित किया।