समकालीन जनमत
नाटकसाहित्य-संस्कृति

कोरस के तीसरे नाट्योत्सव का शानदार आगाज़

• पहले दिन माया कृष्ण राव के नाटक ‘इंडिया स्नैपशॉट्स’ का हुआ भव्य प्रदर्शन
• आजादी और जम्हूरियत की हिमायती आवाज़ों के नाम समर्पित है आयोजन
• प्रोफेसर डेज़ी नारायण ने किया उदघाटन

पटना. 18.10.2019.
एक ओर आज जहां अभिव्यक्ति पर पहरे बिठा दिए गए हैं वहीं सत्ता से अपनी बात कहने वालों को देशद्रोही बताने की कोशिशें हो रही हैं। आजादी और जम्हूरियत के मूल्यों पर ख़तरा मंडरा रहा है। ऐसे दौर में कोरस की ओर से इन आधुनिक मूल्यों की हिमायती आवाजों को समर्पित नाट्योत्सव का संदेश बिल्कुल साफ है। अपनी आजादी, अपने लोकतंत्र पर मंडरा रहे ख़तरों के खिलाफ बेख़ौफ़ आवाज बुलंद करना और देश-समाज को अंधेरे में धकेलने की कोशिशों के खिलाफ उम्मीद की रोशनी बनकर खड़े रहना। कोरस के तीन दिवसीय आयोजन का उदघाटन करते हुए यह कहा प्रोफेसर डेज़ी नारायण ने स्थानीय कालिदास रंगालय में हो रहे इस तीसरे नाट्योत्सव में कहा कि अवाम ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जिन मूल्यों के लिए अपनी कुर्बानी दी, आज उन मूल्यों को नष्ट किया जा रहा है। इस अपसंस्कृति का हर स्तर पर विरोध करना होगा और ऐसी संस्कृति की बुनियाद मजबूत करनी होगी जिसमें सब का चित्त भयशून्य हो। प्रोफेसर डेज़ी ने कहा कि खुशी की बात है कोरस नाट्यकर्म के जरिये इसी भयशून्य संस्कृति की आवाज बुलंद कर रहा है।
इस मौके पर कोरस की संयोजक समता राय ने कहा कि कुछ साल पहले जब इस सालाना आयोजन की शुरुआत हुई थी, तब से अभी तक जो सिलसिला बना है उसने हमारे समय के सवालों से टकराने और हल तलाशने का हौसला बढ़ाया है। इसी हौसले से कोरस की कोशिशें जारी हैं।


पहले दिन, ‘इंडिया स्नैपशॉट्स’ का भव्य प्रदर्शन नाट्योत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध रंगकर्मी मायाकृष्ण राव के बहुचर्चित नाटक ‘इंडिया स्नै‍पशॉट्स’ का भव्य प्रदर्शन हुआ। यह नाटक हमारे समय की उन प्रवृत्तियों और घटनाओं की झांकी था जो लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। यह अलग-अलग विषयों के बारे में होते हुए भी एक दूसरे से जुड़ा हुआ था। मसलन ऐसे विषय कि हम कौन हैं, हम किन चीजों में यकीन करते हैं, हमारी प्रतिबद्धता क्या है।
मायाकृष्ण का रंगकर्म वास्तव में समकालीन सामाजिक राजनीतिक स्थितियों पर एक सजग कलाकार का प्रतिरोध पूर्ण हस्तक्षेप है। साल 2012 में दिल्ली में चलती हुई बस में हुई बलात्कार की जघन्य घटना के बाद उन्होंने ‘वॉक’ नाम से एक प्रस्तुति देकर इसी तरह हस्तक्षेप किया था। अपनी इस प्रस्तुति में भी उन्होंने वही साझा किया है जो वे अपने आस-पास देखती-समझती हैं और जिसमे हस्तक्षेप करना जरुरी मानती हैं।
कालिदास रंगालय में मौजूद दर्शक मंत्रमुग्ध होकर हमारे समय के भारत की छवियों के रंग-कोलाज से गुजरते रहे।
‘इंडिया स्नै‍पशॉट्स’ की रचना मायाकृष्ण राव ने की है। इसे मंच पर प्रस्तुत भी उन्होंने खुद किया. ध्वनि संयोजन सुमंत बालाकृष्णन का था व प्रकाश व्यवस्था शांतनु मल्लिक की।
प्रदर्शन से पहले , स्वागत समिति की ओर से चंद्रकांता खान ने मौजूद दर्शकों व नाट्योत्सव में हिस्सा लेने आयीं दिल्ली, मुंबई व पटना की टीमों का स्वागत किया. उदघाटन सत्र व पहले दिन के आयोजन का संचालन कोरस की मात्सी शरण ने किया.
प्रदर्शन के बाद मीना तिवारी ने माया कृष्ण राव व उनकी टीम को नाट्योत्सव की ओर से स्मृतिचिन्ह भेंट किया।

नाट्योत्सव के पहले दिन आज खचाखच भरे कालिदास रंगालय में दर्शकों के साथ मौजूद थे व्यासजी मिश्रा, डॉ. सत्यजीत, डॉ. विभा सिंह, प्रीति सिन्हा, रुचि दीक्षित, मीरा मिश्रा, मीना तिवारी, आसमा खान, अफशां जबीं, विभा गुप्ता, रूपम झा, पुंजप्रकाश मुनचुन, चंद्रकांता खान, सुमंत शरण , बी बी पांडेय, प्रकाश कुमार, अलका वर्मा, नीना शरण, मधुबाल, नगमा तनवीर, अदिति पांडेय, रवि कुमार, रिया, तूलिका, मासूम जावेद, आकाश श्रीवास्तव, मो. आसिफ, उज्जवल कुमार, स्वाति, अन्नू कुमारी, नीतीश कुमार, राजीव तिवारी और अविनाश मिश्रा आदि।
कल नाट्योत्सव के दूसरे दिन, कृष्णा सोबती के उपन्यास पर आधारित नाटक ‘ऐ लड़की’ की प्रस्तुति होगी. कोरस द्वारा निर्मित इस नाटक का नाट्य रूपांतरण व निर्देशन समता राय ने किया है।

मात्सी शरण
कोरस की ओर से

Related posts

Fearlessly expressing peoples opinion