पटना. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ – गोपगुट की राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने बिहार सरकार पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा कि आशाओं के लंबे आंदोलन के बाद बिहार सरकार आशाओं को 1000 रु. मानदेय देने के लिए तैयार हुई थी लेकिन अब सरकार उसे मानेदय की बजाए प्रोत्साहन राशि बतला रही है. इसके कारण आशाओं में काफी आक्रोश है. सभी जिलों के संघ के अध्यक्षों ने विगत दिनों संघ की हुई बैठक में साफ कर दिया है कि सरकार की यह धोखाधड़ी हमें मंजूर नहीं है. यदि सरकार अपने दुहरे चरित्र से बाज नहीं आती है तो फिर से पूरे बिहार में आंदोलन किया जाएगा और 2020 के विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाया जाएगा. इस फैसले के खिलाफ संघ ने विरोध पत्र सरकार को सौंप दिया है.
आशा कार्यकर्ता संघ की बैठक में शशि यादव के अलावा संघ के प्रमुख संरक्षक रामबली प्रसाद, सुरेश प्रसाद (संघ के सम्मनित अध्यक्ष), एक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, महासंघ की उपाध्यक्ष के.डी. विद्यार्थी और अन्य नेताओं ने भाग लिया.
बैठक में 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक आशा को सम्मान दो अधिकार दो अभियान चलाने, 30 सितंबर को सभी पीएचसी पर धरना देने, 14 अक्टूबर को जिला में सिविल सर्जन के यहां प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया.
इसके तहत पारितोषिक नहीं मानदेय की घोषणा करो, केंद्र व राज्य के द्वारा घोषित राशि के साथ बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करो, भुगतान के बदले पदाधिकारियों के द्वारा कमीशनखोरी बन्द करो, न्यूनतम एक्ट को पुनः बहाल करो आदि मांगें उठाई जाएंगी.
दिसंबर में विधानसभा सत्र के दौरान पटना में विधानसभा के सामने प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी. जिला स्तर पर संघ के आंदोलन व संगठन को मजबूत करने का भी निर्णय लिया गया.