मशहूर अभिनेता इरफान खान का आज मुम्बई के कोकिला बेन अस्पताल में निधन हो गया। 54 वर्षीय इरफान खान की तबियत कल शाम अचानक बिगड़ गयी थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दमदार अभिनय के बूते अलग छाप छोड़ने वाले इरफान खान को 2018 पता चला कि उन्हें न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नाम की दुर्लभ बीमारी है। इसके इलाज के लिए वह तकरीब एक वर्ष तक लंदन में रहे। इलाज कराकर वापस लौटने के बाद उन्होंने हाल में ‘ अंग्रेजी मीडियम ’ फिल्म की शूटिंग पूरी की थी। यह उनके द्वारा अभिनीत ‘ हिंदी मीडियम ‘ की सीक्वल थी जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड मिला था।
‘ अंग्रेजी मीडियम ‘ फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी तबियत खराब होने की खबर आयी थी। कुछ दिन पहले उनकी मां सईदा बेगम का राजस्थान में निधन हो गया था। लाॅकडाउन के कारण वह अपनी मां के अंतिम दर्शन को भी नहीं जा सके थे।
इरफान खान अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।
इरफान खान का फिल्म और टेलविजन की दुनिया में 30 साल का कैरियर रहा। उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया जिसमें सलाम बाम्बे (1988), हासिल (2003), मकबूल (2004), द नेम सेक (2006), लाइफ इन ए मेटो ( 2007) , पान सिंह तोमर (2011), लंच बाक्स (2013), पीकू (2015), तलवार (2015), हिन्दी मीडियम (2016) प्रमुख हैं।
हिन्दी फिल्म पान सिंह तोमर में हीरो की भूमिका को काफी पसंद किया गया। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्टीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।
उन्होंने हालीवुड की कई फिल्मों में भी काम किया जिसमें द अमेजन स्पाइर , लाइफ आफ पाई जुरासिक वल्र्ड के नाम प्रमुख हैं।
इरफान खान ने कई टीवी सीरियल में काम किया। दूरदर्शन पर प्रसारित ‘ लाल घास पर नीले घोड़े ‘ में उन्होंने लेनिन की भूमिका की। अली सरदार जाफरी द्वारा बनायी गयी ‘ कहकंशा ‘ में उन्होंने मख्दूम मोहिउद्दीन की यादगार भूमिका निभायी थी। उन्हें 2011 में ‘ पद्मश्री ‘ से सम्मानित किया गया.
जन संस्कृति मंच और समकालीन जनमत की ओर से इरफान खान को श्रद्धांजलि। वे हमेशा याद आएंगें।