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दिल्ली : सी.ए.ए. समर्थकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला

 नई दिल्ली. सीलमपुर दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र में 23 फरवरी की रात सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों से भाजपा नेता कपिल मिश्रा की अगुवाई में सीएए-एनआरसी समर्थक गुट के लोगों ने जबर्दस्ती भिड़ंत कर ली। भिड़ंत के दौरान सीएए समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके और उनको मां बहन की गालियाँ दी। बीच बीच में जय श्री राम का हिंसक नारा लगाकर प्रदर्शनकारियों को प्रतिक्रिया के लिए लगातार उकसाते रहे।

भीम आर्मी के ‘भारत बंद’ आह्वान के तहत जाफराबाद सड़क और मेट्रो स्टेशनों पर बैठी प्रदर्शनकारी स्त्रियां
जाफराबाद में सीएए के विरोध में पिछले डेढ़ माह से सड़क के किनारे टेंट लगाकर महिला प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे। लेकिन 23 फरवरी के भारत बंद और चांद बाग़ से राजघाट तक विरोध मार्च निकालने के भीम आर्मी के आह्वान के बाद 22 फरवरी शनिवार रात ये प्रदर्शनकारी महिलाएं जाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर बैठ गईं। जबकि चांदबाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने जाफराबाद मुख्य रोड बंद कर दिया। प्रदर्शन की वजह से चांद बाग वज़ीराबाद रोड, खुरेजी की सड़क पूरी तरह से जाम है। रविवार 23 फरवरी की सुबह पुलिस ने मौजपुर से सीलमपुर जाने वाला मार्ग खुलवा दिया था। जबकि दूसरा मार्ग बंद ही रहा था। रविवार सुबह चांद बाग के पास खजूरी से नंद नगरी की ओर जाने वाले वजीराबाद मार्ग को महिलाओ से बंद कर दिया। खुरेजी में महिलाओं ने पटपड़गंज रोड के एक मार्ग को बंद कर दिया। वहीं यमुना विहार के नूर ए इलाही रोड को भी बंद कर दिया। 23 फरवरी को सीलमपुर मेट्रो से राजघाट तक विरोध मार्च निकाल रही प्रदर्शनकारी स्त्रियों को दिल्ली पुलिस ने राजघाट से पहले ही रोक दिया।

कपिल मिश्रा

 कपिल मिश्रा का भडकाऊ बयान
24 फरवरी को दोपहर बाद 3 बजकर 50 मिनट पर कपिल मिश्रा ने आगजनी का एक वीडियो डालते हुए भड़काऊ तथयहीन और दंगे भड़काने की हद तक साम्प्रदायिक ट्वीट में मंदिर जलाने का जिक्र करते हुए लिखा- “CAA विरोधी भजनपुरा, चांद बाग, करावल नगर, मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद में दंगा कर रहे हैं, पेट्रोल पंप , घरों, मंदिरों, गाड़ियों में पथराव और आगजनी स्थिति बहुत भयानक है । पुलिस को तुरंत इनको चांद बाग और जाफराबाद की सड़कों से बलपूर्वक हटाना चाहिए
सब लोगों से अपील शांति बनाए रखिये https://t.co/kOZTqyyhIT


इससे पहले 23 फरवरी रविवार को दोपहर करीब तीन बजे भाजपा नेता कपिल मिश्रा और स्थानीय पार्षद कुसुम तोमर अपने समर्थकों के साथ मौजपुर लाल बत्ती पर सड़क बंद करने के विरोध और सीएए के समर्थन में धरने पर बैठ गए। सिर्फ़ इतना ही नहीं ट्वीट करके कपिल मिश्रा ने लोगो को मोबिलाइज करने की कोशिश की। कपिल ने अपने ट्वीट में लिखा- “जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा है। चुप रहिए, जब तक आपके दरवाजे तक ना आ जाएं, चुप रहिए।
कपिल मिश्रा के इस भडकाऊ भाषण के बाद ही वहां पर ‘जय श्रीराम’ तथा ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को’ के नारे लगने लगे। इसके बाद ही पत्थरबाजी शुरु हो गई।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट में लिखा – “जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा हैं। एक और इलाका जहां अब भारत का कानून चलना बंद। सही कहा था मोदी जी ने शाहीन बाग एक प्रयोग था। एक-एक करके सड़कों, गलियों, बाजारों, मोहल्लों को खोने के लिए तैयार रहिए। चुप रहिए, जब तक आपके दरवाजे तक ना आ जाएं, चुप रहिए। सीएए, एनआरसी का विरोध करने के लिए लोग जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास इकट्ठा हुए।


(कपिल मिश्रा का भड़काऊ ट्वीट)

वायरल वीडियो में दो ट्रकों में ईंट, पत्थर भरते दिख रहे गुंडे
इस बीच घटनास्थल से एक वीडियो वायरल हुआ है। उस वीडियो में भगवा ब्रिगेड के गुंडे दो ट्रकों में अद्धा, कत्तल और ईंट पत्थर भरते साफ देखे जा सकते हैं। यानि हर चीज की तैयारी बहुत पहले से करके रखी गई थी। सवाल ये है कि घटनास्थल तक अगर ईंट पत्थर ट्रकों में भर भरकर ले जाया गया तो प्रशासन क्या कर रहा था। और प्रशासन की बात ही क्या कहें पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में ही ईंट पत्थर चलाए गए। पुलिस की ही मौजूदगी में जामिया में गोपाल शर्मा नामक आतंकी ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी। और दिल्ली पुलिस ने उसे बचाने के लिए आनन फानन में उसके नाबालिग होने का प्रमाणपत्र ढूँढ़ लाई। जैसे नाबालिग होने से उसके अपराध छुप जाएं।


(ट्रक में ईंट पत्थर भरते भगवा गुंडे)

पथराव के बाद सड़क

अपना अस्तित्व बचाने का संकट है कपिल मिश्रा के सामने
आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद से ज़्यादा मुखर होकर हिंदुत्व की राजनीति करने में लगे कपिल मिश्रा के सामने बीता दिल्ली चुनाव उनके अपने अस्तित्व के लिए एक चुनौती था। दिल्ली चुनाव हारने के बाद लोग उनकी चुटकी लेने लगे थे। दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली केजरीवाल सरकार बनने के बाद अब उनके पास दिल्ली की राजनीति में अगले 5 साल करने को कुछ खास नहीं बचा है। ऐसे में खुद को राजनीति में बचाए रखने और भाजपा में नई भूमिका तलाशने के लिए कपिल मिश्रा को कुछ न कुछ तो करना ही था। तो कपिल मिश्रा ने नरेंद्र मोदी और संगीत सोम की तर्ज पर सीधे टकराव पैदा करके सांप्रदायिक दंगा कराने की राह अपनाई है।
इसके बाद कपिल मिश्रा ने पुलिस प्रशासन और कानून चुनौती देने वाला एक ट्वीट किया, मिश्रा ने एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें वह सभा को संबोधित करते हुए कह रहे हैं, ”वे (प्रदर्शनकारी) दिल्ली में तनाव पैदा करना चाहते हैं. इसलिये उन्होंने सड़कें बंद कर दी हैं। इसीलिये उन्होंने यहां दंगे जैसे हालात पैदा कर दिये हैं. हमने कोई पथराव नहीं किया।” उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत में रहने तक, हम इलाके को शांतिपूर्वक छोड़ रहे हैं। इसके बाद अगर तब तक सड़कें खाली नहीं हुईं तो हम आपकी (पुलिस की) नहीं सुनेंगे।”


(कपिल मिश्रा का धमकी भरा वीडियो)

झारखंड और दिल्ली चुनाव चुनाव हारने के बाद दबाव में है भाजपा-आरएसएएस
पहले झारखंड चुनाव में अपनी सत्ता खोने और फिर दिल्ली चुनाव में मुँह की खाने के बाद भाजपा-आरएसएस को अपनी उल्टी गिनती दिखाई देने लगी है। झारखंड चुनाव में ही उन्होंने भांप लिया था कि ‘मोदी लहर’ उतार पर है इसलिए उन्होंने दिल्ली चुनाव अमित शाह की अगुवाई में लड़ा और वहां भी मुँह की खाई। अब अगला चुनाव बिहार विधानसभा का है और प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के हुनर हाट में ‘लिट्टी’ खाकर बिहार अभियान की शुरुआत भी कर दिया है। बिहार के बाद बंगाल और फिर गुजरात, यूपी समेत कई राज्यों में वर्ष 2022 के शुरुआत में ही चुनाव होने हैं। भाजपा आरएसएस के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि वो रातों-रात कोई चमत्कार करके विकास कर और नौकरियां पैदा कर देगी। इसके पास  सांप्रदायिक विभाजन और हेट पोलिटिक्स ही है। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भाजपा सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक साबित नहीं कर पाई। न ही इसका फायदा वो झारखंड और दिल्ली में उठा पाई। पुलवामा और उरी जैसी घटनाओं को असर तात्कालिक और अल्पावधि वाला होता है। ऐसे में उसे गोधरा और मुजफ्फरनगर जैसे बड़े सांप्रदायिक दंगे की दरकार है। जिसका असर ज़्यादा दिन तक बरकरार रहे। सीएए-एनआरसी के खिलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में सीधे टकराव पैदा करके ऐसा किया जा सकता है। अब सवाल ये है कि मोदी की परंपरा का अगला वारिश कौन है। फिलहाल तो कपिल मिश्रा खुद को गोधरा वाले मोदी का विकल्प बनाकर पेश कर रहे हैं और भाजपा उन पर विश्वास भी कर रही है।
 दो महीने में सीधे टकराव के कई प्रयास किए गए हैं

पिछले दो महीने में प्रदर्शनकारियों से सीधे टकराव के कई मौके बनाए गए हैं। 17 दिसंबर को जाफराबाद में शांतिपूर्ण विरोध मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों पर पत्थरबाजी करके विरोध का हिंसक दमन किया गया था। इसके पहले जामिया में भी 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस और प्रदर्शनकारियों पर पथराव करके बलवा किया गया था शाहीन बाग़ में पहले कश्मीरी पंडितों और फिर हिंदू सेना ने सीधे सीधे टकराव की स्थिति पैदा कर ही दी थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो सीधे टकराव करके बीस प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई थी।
और अभी कल मौजपुरा के अलावा वृजपुरी में भी प्रदर्शनकारियों पर पत्थरबाजी की गई और भड़काऊ गालियां और नारे लगाए गए ताकि वो प्रतिक्रिया दें तो सांप्रदायिक दंगा हो।
दिल्ली में कपिल मिश्रा के ही अगुवाई में एक प्रो-सीएए रैली निकाली गई थी जिसमें – ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को’ जैसे भड़काऊ नारे खुद कपिल मिश्रा ने लगवाए थे।

शांतिपूर्ण प्रदर्शन भाजपा-आरएसएस के हेट पोलिटिक्स को सूट नहीं करता
2 जनवरी 2020 को जब शरजील इमाम और आसिफ ने शाहीन बाग़ के मंच से धरना समाप्ति की घोषणा की थी तब भी उसने कहा था कि उससे सरिता बिहार के पुलिस इन्चार्ज ने कहा कि हम 1 जनवरी को खाली करवाने आएंगे, नहीं आए। फिर उन्होंने कहा कि नहीं आज नहीं खाली करवाएंगे वर्ना लोकल लोग कब्जा कर लेंगे। फिर उस कमिश्नर ने 2 तारीख को कहा कि उसे गृह-मंत्रालय से आदेश मिला है कि यदि आप शांतिपूर्ण ढंग से खाली करवा रहे हो तो उसमें हमारा क्या फायदा है। साइलेंटली नहीं वाइलेंटली खाली करवाओ।”
बता दें कि सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली जैसे महानगरों से शुरु हुआ ये प्रदर्शन बिहार के दूर दराज के गाँवों तक फैलता जा रहा है। बेशक़ ये सब शाहीन बाग़ के बाद हुआ है। अतः शाहीन बाग़ के खिलाफ़ पहले हिंसक कोशिशे हुई। कश्मीरी पंडितों से लेकर हिंदू सेना के गुड़ों तक ने वहां जाकर उपद्रव किया लेकिन सब कुछ शांत रहा। फिर सुप्रीमकोर्ट के जरिए प्रयास हुआ।
अभी तक जब भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन होता आया है तब वहां सीएए के समर्थकों को पुलिस जाने नहीं देती थी। जहाँ भी ये गए हैं वहां हिंसा हुआ है। फिर जामिया का उदाहरण ले लें या जाफराबाद में 17 दिसंबर 2019 की घटना को। इतना लंबे समय से चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों से इनकी छवि को नुकसान हो रहा है। इसलिए अब ये सीधे टकराव चाहते हैं।

पीड़ितों के बयान
एक पीड़ित बुजुर्ग महिला अपने लहूलुहान पाँव दिखाते हुए बताती हैं कि उन्हें पत्थरबाजी में किस हद तक घायल कर दिया गया है। मैं अपनी बच्ची को वहीं धरनास्थल पर छोड़ आई हूँ। एक बच्ची रो रोकर बता रही है कि उसे दिल्ली पुलिस द्वारा लाठियों से पीटा गया है जबकि पत्थरबाज पुलिस के सामने ही पत्थर फेंक रहे थे, मां बहन की गालियां दे रहे थे और पुलिस उन्हें पकड़ना तो दूर तमाशबीन बनी खड़ी देख रही थी।
एक पीड़ित युवा कहता है- वो लोग सब कुछ पहले से तय करके आए थे। पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग तक की गई है लेकिन इसकी कहीं कोई ख़बर नहीं है।
एक पीड़ित का कहना है कि जब इलाके में भारत बंद के तहत और सीएए-एनआरसी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन चल रही था तो ऐसे में दिल्ली पुलिस ने कपिल मिश्रा को मौजपुर में सभा कैसे करने दिया ? बता दें कि कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गयी थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए।

दिल्ली में बढ़ रहा है हिंसा उपद्रव और आगजनी का दायरा
मौजपुरा, वृजपुरी, हौजरानी के बाद अब भजनपुरा में उपद्रव आगजनी हो रही है। सीएए समर्थकों और दिल्ली पुलिस का कहर प्रदर्शनकारियों पर कहर बनकर टूट रहा है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में कई घरों में आग लगा दी गई, जिससे तनाव और बढ़ गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।दिल्ली मेट्रो ने इलाके में तनाव के बीच जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार पिछले 24 घंटों से बंद हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने सोमवार सुबह ट्वीट कर बताया कि जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के एक्जिट और एंट्री गेट को बंद कर दिया गया है।

 

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के मौजपुर के बाद भजनपुरा में भी झड़पें हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतनलाल की मौत हो गई. वहीं, शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा घायल हो गए. रतनलाल गोकुलपुरी थाने में तैनात थे. हालात बेकाबू होने पर घटनास्थल पर अर्द्धसैनिक बल को बुलाया गया है

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