पटना। भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कटिहार जिला के आजमनगर थाना के नया टोला पस्तिय गांव की माहेनूर अपहरण, गैंगरेप व हत्यारों को स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी सजा की मांग की है. इस मामले को लेकर माले नेता बिहार के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की और उन्हें पूरी जानकारी दी. इस घटना के विरोध में ऐपवा के नेतृत्व में पटना में प्रतिरोध मार्च निकाला गया।
माले नेता ने कहा कि इस शर्मनाक घटना के कारण स्थानीय लोगों का आक्रोश स्वभाविक था. इसी का फायदा उठाकर कुछ असमाजिक तत्वों ने सालमारी थाने में तोड़-फोड़ कर दी. उसी का बहाना बनाकर सालमारी थाना की ओर से 53 नामजद व 300-400 अज्ञात निर्दोष लोगों पर मुकदमा दायर कर दिया गया. जिसमें जनप्रतिनिधि, राजनीतिक कार्यकर्ता और यहां तक कि मृतक माहेनूर के मां-बाप, भाई तथा रिश्तेदारों को भी अभियुक्त बना दिया गया. माले विधायक ने इसकी जांच कर सभी निर्दोषों पर से मुकदमा हटाने की अपील पुलिस महानिदेशक से की.
माहेनूर के हत्यारों को स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी सजा निर्धारित करने, आजमनगर थानाध्यक्ष की बर्खास्तगी और तमाम राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज झूठे मुकदमे की अविलंब वापसी की मांग पर आज ऐपवा के नेतृत्व में पटना में एक प्रतिरोध मार्च भी निकला. यह मार्च छज्जूबाग आवास संख्या 13 से निकलकर रेडियो स्टेशन तक गया और फिर वहां एक सभा आयोजित की गई.
इस कार्यक्रम का नेतृत्व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, अनिता सिन्हा, मधु, समता राय, आसमा खां, नसरीन बानो, अनुराधा देवी, राखी मेहता, आबिदा खातून सहित दर्जनों महिला कार्यकर्ता मार्च में शामिल थीं.