पुलिस कप्तान को भेजा पत्र, किसी भी अप्रिय घटना के लिए प्रशासन के साथ सरकार भी होगी जिम्मेदार
लखनऊ. रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने आजमगढ़ पुलिस कप्तान को शिकायती पत्र भेजते हुए कहा है कि मुठभेड़ों का सवाल उठाने पर आजमगढ़ कन्धरापुर थाना प्रभारी अरविन्द यादव द्वारा दी गयी धमकी से उनको मानसिक आघात पहुंचा है और उनको अरविन्द यादव से जान को खतरा है.
शिकायती पत्र में मंच महासचिव राजीव यादव ने मांग की कि अरविन्द यादव के तमाम कृत्यों और क्रियाकलापों की विभागीय जाँच करके कार्रवाई की जाये. इस बावत आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ और जिलाधिकारी आजमगढ़ को भी पत्र भेजा है.
रिहाई मंच अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब ने कहा कि फर्जी मुठभेड़, रासुका और भारत बंद के नाम पर पुलिसिया उत्पीड़न के सवालों पर रिहाई मंच लगातार सवाल उठा रहा है. आतंकवाद के नाम पर फंसाए गए निर्दोषों का सवाल हो या फिर साम्प्रदायिक-जातीय हिंसा, हम हर नाइंसाफी के खिलाफ खड़े रहे हैं. इस तरह की धमकियाँ साफ़ करती हैं कि सत्ता संरक्षण में यह सब हो रहा है. ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना के लिए पुलिस प्रशासन के साथ सरकार भी जिम्मेदार होगी.
पुलिस कप्तान आज़मगढ़ को भेजे गए शिकायती पत्र में राजीव यादव ने कहा है कि 5 जुलाई को मोबाइल पर जान-माल की धमकी देने के बाद अरविन्द यादव द्वारा उन्हें 10 जुलाई को एक कथित नोटिस भी भेजी गयी है. पत्र में कहा है कि अरविन्द यादव को उनके पदीय कृत्यों पर सवाल खड़ा करने या टिप्पणी करने का व्यक्तिगत अधिकार प्राप्त नहीं है फिर भी उनकी तरफ से अरविंद मिश्रा एडवोकेट द्वारा अपना पंजीयन संख्या दिए बिना अरविंद यादव की तरफ से एक नोटिस 10 जुलाई भेजी की गई है. जिसकी जानकारी विभाग को दिए जाने के सन्दर्भ में अथवा नोटिस देने की अनुमति विभाग से प्राप्त करने के सन्दर्भ में नहीं लिखा गया है जो अरविंद यादव द्वारा विभागीय अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। नोटिस का भेजा जाना यह भी दर्शाता है कि अरविंद यादव द्वारा मुझे बराबर डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है।
राजीव यादव ने कहा है कि जैसा कि उनको पुलिस प्रशासन ने अवगत कराया है कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है, ऐसे में अरविन्द यादव द्वारा भेजी गई नोटिस को कार्रवाई में शामिल किया जाए.