लखनऊ। शहीद ए आजम भगत सिंह और उनके साथियों के शहादत दिवस के मौके पर सीबी सिंह स्मृति सभागार, हजरतगंज, लखनऊ में स्मृति सभा का आयोजन किया गया । इस मौके पर न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन की ओर से हाल में प्रकाशित पुस्तक ‘सरदार भगत सिंह’ का लोकार्पण भी किया गया। भगतसिंह के सह कैदी सी एस वेणु की अंग्रेजी में लिखी इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद डॉक्टर राजवंती मान ने किया है।
पुस्तक का परिचय देते हुए जन संस्कृति मंच उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष व कवि कौशल किशोर ने कहा कि
भगत सिंह और उनके साथियों के विचारों ने क्रांति की मशाल को लगातार जलाए रखा है। आज के दिन हम अपने क्रांतिकारियों को न सिर्फ याद करते हैं बल्कि उस संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लेते हैं। भगत सिंह का जीवन और उनके विचार जैसे-जैसे लोगों तक पहुंचे हैं, उनका महत्व बढ़ता गया है। इसी कड़ी में हाल में प्रकाशित ‘सरदार भगत सिंह’ पुस्तक है। इसके माध्यम से उनका एक और जीवन वृत्त सामने आया है। आज के समय में यह पुस्तक शहीदे आजम भगत सिंह के जीवन, विचार और क्रांतिकारी कर्म को जानने का एक और अवसर देता है।
ज्ञात हो कि ‘सरदार भगत सिंह’ जेल के सह कैदी सीएस वेणु ने सितंबर १९३१ में लिखा था। अंग्रेजी में लिखी इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद उन्हीं दिनों मद्रास से प्रकाशित हुआ। इसे ब्रिटिश शासन द्वारा तुरंत प्रतिबंधित कर दिया गया तथा जप्त कर के ब्रिटिश संग्रहालय में डंप कर दिया गया। यह पुस्तक पाठकों के लिए अज्ञात रही है। इसके लेखक सीएस वेणु के बारे में भी बहुत जानकारी नहीं है । डॉक्टर राजवंती मान को यह पुस्तक ब्रिटिश लाइब्रेरी के प्रतिबंधित भारतीय साहित्य खंड में मिली। डॉक्टर मान ने इसका हिंदी अनुवाद किया तथा न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन ने इसे अंग्रेजी और हिंदी में प्रकाशित किया है। यह दोनों भाषाओं में अमेज़न पर उपलब्ध है।
इस मौके पर वर्तमान के चुनौतीपूर्ण समय में भगत सिंह और उनके विचारों के महत्व पर आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल के ओ पी सिन्हा, कवि और लेखक भगवान स्वरूप कटियार, राही मासूम रजा एकेडमी के रामकिशोर, सोशलिस्ट पार्टी के ओंकार सिंह, फॉरवर्ड ब्लॉक के उदय सिंह, छात्र नेता ज्योति राय, भाकपा माले रेड स्टार के एमके रामचंद्रन, भाकपा माले लिबरेशन के राजीव गुप्ता, नागरिक परिषद के रामकृष्ण सिंह आदि वक्ताओं ने अपनी बात रखी।
वक्ताओं का कहना था कि भगत सिंह जैसे जन नायकों का सत्ता द्वारा अधिगृहीत किया जा रहा है। वहीं, इन्हें एक दूसरे के बरक्स भी खड़ा किया जा रहा है। वर्तमान में भगत सिंह के विचारों का महत्व है। उन्होंने काले अंग्रेजों की बात की थी। शोषणमुक्त समाज का सपना तथा समाजवाद में भारत के भविष्य को देखा था। राजनीति को धर्म से अलगाने का उनका नजरिया है। मौजूदा फासीवादी दौर में यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके विचारों को फैलाया जाय विशेष तौर से नौजवानों के बीच ले जाया जाय।
कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र त्रिपाठी एडवोकेट ने किया। समापन तुहिन देव के क्रांतिकारी गीत के गायन तथा नागरिक परिषद के के के शुक्ला के अध्यक्षीय संबोधन से हुआ।