भोजपुर। कोइलवर में फोरलेन हाइवे बनाने के लिए ध्वस्त किए गए स्कूल के स्थान पर नया स्कूल बनाने और ढाई वर्ष से बंद पढ़ाई को तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर एक जनवरी को हुए सड़क पर स्कूल आंदोलन की मांग तो प्रशासन ने मान ली लेकिन बाद में भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल, युवा नेता राजू यादव सहित 50 छात्र-छात्राओं व अभिभावकों पर केस दर्ज कर लिया और एक व्यक्ति को गिरफ़्तार भी कर लिया। इसके खिलाफ तीन सितम्बर को विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने कोइलवर थाने का घेराव किया।
एक सितम्बर को सड़क पर स्कूल आंदोलन सुबह दस बजे से रात साढ़े नौ बजे तक चला था। अफसरों ने चार घंटे की वार्ता के बाद 12 दिन में वैकल्पिक भवन की व्यवस्था कर पढ़ाई शुरू करने और स्कूल के लिए चिन्हित भूमि पर निर्माण शुरू करने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था।
एक दिन बाद जिला प्रशासन ने माले विधायक मनोज मंजिल, युवा नेता राजू यादव सहित 50 छात्र-छात्राओं व अभिभावकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया। यहां तक कि सड़क पर स्कूल लगाने के लिए जिस टेंट का उपयोग किया गया था, उस टेंट वाले को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके खिलाफ तीन सितम्बर को सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं का जुटान हुआ और उन्होंने प्रशासन की तानाशाही व धोखेबाजी के खिलाफ कोइलवर थाने का घेराव किया. आंदोलनकारी फर्जी केस को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
सड़क पर स्कूल आंदोलन पर विधायक सहित 50 लोगों पर केस दर्ज किए जाने पर भाकपा माले ने सख्त आपत्ति जताई है। भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय नारायण चैधरी से पूछा है कि क्या स्कूल की मांग करना भी आज की तारीख में अपराध हो गया है ? सरकार बिहार में शिक्षा के विकास की डींगें मारते नहीं अघाती थी, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. स्कूल के भवन या तो ध्वस्त पड़े हैं अथवा सरकार ही उन्हें गिरा दे रही है। बिहार में विगत 16 वर्षों में शिक्षा की हालत बद से बदतर होती गई, इसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा-जदयू की सरकार जिम्मेवार है.
उन्होंने सभी आंदोलनकारियों पर लादे गए फर्जी मुकदमों की वापसी, गिरफ्तार टेंट वाले की अविलंब रिहाई और स्कूल के भवन के अविलंब निर्माण की मांग की।