नई दिल्ली: बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) के सैकड़ों अनुबंध-कर्मियों ने मजदूर एकता कमेटी की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर 8 नवम्बर को मंडी हाउस से लेकर संसद मार्ग तक मार्च किया।
ये कर्मचारी बीटीपीएस को गैर-कानूनी तरीके से बंद करने, बिना किसी नोटिस, मुआवज़ा और पुनर्स्थापन के रोजगार से निकाले जाने का विरोध कर रहे हैं। इनकी मांग है कि बीटीपीएस को बंद करने का नोटिस और पर्याप्त मुआवज़ा दिया जाए, एनसीआर में वैकल्पिक रोजगार देकर उनका पुनर्वास किया जाए, सभी देय मजदूरी और अन्य बकाया राशि का भुगतान जल्दी से जल्दी किया जाए और सभी अनुबंध कर्मियों को अनुबंध प्रमाणपत्र दिया जाए।
रैली संसद मार्ग पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गयी। सभा का संबोधित करते हुए, बीटीपीएस से रिटायर्ड, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता और एडवोकेट ओपी गुप्ता ने कहा कि इस संस्थान को बंद करने से पहले, नियोजित अनुबंध कर्मियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया है। इस वक्त 400 से ज्यादा अनुबंध कर्मी कई सालों से यहां काम कर रहे हैं। इनमें से कई तकनीकी प्रशिक्षित जैसे आईटीआई और इंजीनियर ग्रेजुएट हैं। इन्हें बिना कोई नोटिस, मुआवजा और बकाया दिए रोजगार से बाहर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीटीपीएस को कानूनी तरीके से नहीं बंद किया गया है। न ही पारदर्शी तरीका अपनाया गया है। औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधान के तहत, कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के बिना इस संस्थान को बंद नहीं कर सकता है। इसलिए बंद अवैध है और इसलिए प्रबंधन कानून के अनुसार दंडित होने का उत्तरदायी है।
सभा को संबोधित करते हुए मजदूर एकता कमेटी के महासचिव संतोष कुमार ने कहा कि पिछले कुछ सालों से बीटीपीएस में बारहमासी काम के लिए अनुबंध श्रमिकों को नियोजित करता रहा है। स्थायी कर्मियों की सेवानिवृत्ति, मृत्यु और स्थानान्तरण के कारण इनकी संख्या बहुत थोड़ी है। यहां ज्यादा से ज्यादा काम अनुबंध कर्मियों से संपन्न करवाया जाता रहा है। इन अनुबंध कर्मियों का भयंकर शोषण होता है। बीटीपीएस अनुबंध कर्मियों के बल पर चल रहा है। इन कर्मियों का शोषण कांट्रेक्टर और प्रबंधन, दोनों मिलकर कर रहे हैं। आज इसे प्रदूषण की वजह से बंद किया जा रहा है। अगर बंद करना है तो भी आप इसमें काम कर रहे कर्मियों को दूध में से मक्खी की तरह निकालकर नहीं फैंक सकते हैं।
सभा को एटक के दिल्ली के सचिव धीरेन्द्र शर्मा, सीआईटीयू दिल्ली के सचिव अनुराग सक्सेना ने संबोधित किया। इन्होंने बीटीपीएस कर्मियों की मांगों को समर्थन करते हुए, केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की और अनुबंध कर्मियों को उचित मुआवज़ा और पुनर्वास की मांग को दोहराया।
सभा के अंत में मजदूर एकता कमेटी के सचिव बिरजू नायक, पंकज कुमार, महेश चंद, नंद लाल, अमर सिंह, राम विलास यादव ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर0के0 सिंह और श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।