सोनीपत (हरियाणा). अखिल भारतीय किसान महासभा की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक आज हरियाणा के सोनीपत स्थित सर छोटूराम धर्मशाला में शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह ने की।
बैठक की शुरुआत करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजाराम सिंह ने कहा कि मोदी राज में रफाल महा घोटाला और सीबीआई तख्ता पलट की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि यह सरकार कानून और संविधान के प्रावधानों का खुला उल्लंघन कर रही है। इस सरकार के रहते देश का लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा एक तरफ देश में भूख से लोगों की मौतें हो रही हैं और दूसरी ओर यह सरकार बल पूर्वक किसानों और आदिवासियों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण कर रही है। इस सरकार के राज में महंगाई लगातार बढ़ रही है और रोजगार के अवसर काम होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा मोदी सरकार ने किसानों को उनकी उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम देने का वायदा नहीं निभाया। उल्टे इस सरकार ने खेती में किसानों की लागत सामग्री को महंगा कर दिया है।
कामरेड राजाराम सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों की कर्ज माफी से मुकर रही है जबकि वह देश के कारपोरेट घरानों का लाखों करोड़ रुपए माफ कर रही है। उन्होंने कहा कि आज देश भयंकर सूखे के मुहाने पर खड़ा है पर मोदी सरकार उससे निपटने के बजाय राम मंदिर, सबरीमाला, भीड़ हत्या, गौ माता जैसे मुद्दों पर जनता का ध्यान भटकाकर साम्प्रदायिक विभाजन की राजनीति कर रही है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कामरेड रुलदू सिंह ने कहा कि पिछले 70 साल में देश के किसानों का जो नुकसान यहां की सरकारों ने किया था उससे कई गुना ज्यादा नुकसान मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर किसानों और देश की जनता से धोखा किया है। यह सरकार साम्राज्यवाद और चंद कारपोरेट घरानों की दलाल है। देश का किसान इस सरकार को उखाड़कर ही दम लेगा।
बैठक से पहले देश भर से आए किसान नेताओं ने सर छोटूराम की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड प्रेमसिंह ने सर छोटूराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किसानों के लिए किए गए संघर्ष पर विस्तार से बताया।
बैठक में किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव (बिहार), हीरा गोप (झारखंड), जय प्रकाश नारायण राय (उत्तर प्रदेश) शिवसागर शर्मा, सुदामा प्रसाद (विधायक बिहार), विशेश्वर यादव, (बिहार), राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा (दिल्ली), ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा (उत्तर प्रदेश), अशोक प्रधान (उड़ीसा), पूरन महतो (झारखंड), रामचन्द्र कुलहरि (राजस्थान), डी हरिनाथ (आंध्र प्रदेश), सिंपसिंग (तमिलनाडु), बलिंद्र सेकिया (असम), सलिल दत्ता (प. बंगाल), आनंद नेगी (उत्तराखंड), महेंद्र सिंह चोपड़ा (हरियाणा), गुरुनाम सिंह, गोरा सिंह (पंजाब), धीरेंद्र भदौरिया (मध्य प्रदेश)
रामआधार सिंह, अरुण सिंह पूर्व विधायक, चंद्रदीप सिंह (पूर्व विधायक), उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, अफरोज आलम, जमील अहमद आदि देश भर से आए किसान नेता मौजूद हैं।