पटना.कथा सम्राट प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आज स्थानीय छज्जूबाग में हिरावल के कलाकारों ने प्रेमचंद की कहानी ‘निर्वासन’ का नाट्य प्रदर्शन किया। साथ ही, फिरकापरस्ती के विरुद्ध रचनाओं का गायन किया.
इस अवसर पर हिरावल की ओर से ‘निर्वासन’ के आधार पर निर्मित फिल्म को भी जारी किया गया. नाटक और फिल्म में काम करनेवाले कलाकार प्रीति प्रभा और राम कुमार हैं.
महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा और सांप्रदायिक फासीवादी माहौल के खिलाफ आयोजित इस कार्यक्रम के मौके पर उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए लेखक संतोष सहर ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं आपसी प्रेम और भाईचारे के संदेशों से भरी पड़ी हैं, जिसमें जीव-जंतुओं के परस्पर प्रेम के लिए भी स्थान है; लेकिन दुर्भाग्य से आज देश में नफरत भरे माहौल को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रेमचंद की रचनाएं नफरत फैलानेवाली ताक़तों के विरुद्ध एक समतामूलक समाज के निर्माण का संदेश देती हैं.
कार्यक्रम की शुरुआत सांप्रदायिकता के विरुद्ध रचित तीन मशहूर रचनाओं के गायन से हुआ, जिन्हें क्रमशः राजेश कमल, संतोष झा और राजन कुमार ने गाया.
इस अवसर पर कला-साहित्य-संस्कृति के क्षेत्र से जुड़े अनेक लोग उपस्थित
थे, जिनमें कर्नाटक से आए सामाजिक कार्यकर्ता क्लिफ्टन रोजेरियो सहित युवा कवि शशांक मुकुट शेखर, पलक, पवन शर्मा, संतलाल, मंजु, सरोज चौबे, शोभा सिंह, कुमार परवेज, हिरावल के सुमन कुमार और रेशमा आदि शामिल हैं.
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