पटना. कठुआ गैंगरेप और नृशंस हत्या के बारे में फर्जी खबर छापने के विरोध में जन संस्कृति मंच ने साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों से दैनिक जागरण द्वारा आयोजित ‘बिहार संवादी’ नामक आयोजन के बहिष्कार की अपील की है.
जन संस्कृति मंच, पटना के संयोजक राजेश कमल ने बयान जरी कर कहा कि कठुआ गैंगरेप और नृशंस हत्या तथा हत्यारों के पक्ष में शर्मनाक राजनीतिक तरफदारी का जब पूरे देश और दुनिया में विरोध हो रहा है, तब दैनिक जागरण द्वारा प्रमुखता से यह फर्जी खबर छापना कि ‘कठुआ मे बच्ची के साथ नहीं हुआ था दुष्कर्म’ न केवल पत्रकारिता के नाम पर कलंक है, बल्कि इस कुकृत्य को हत्यारों के साथ साझीदारी ही कहा जाएगा.
उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण इसके पहले भी पत्रकारिता की नैतिकता की अनदेखी करके सांप्रदायिक नफरत और उन्माद भड़काने वाली खबरें छापता रहा है. इस समय जबकि कुछ दक्षिणपंथी अंधभक्तों और मानसिक रूप से विकृत किए जा चुके लोगों को छोड़कर पूरे देश की जनता आसिफा के लिए न्याय की मांग कर रही है, तब उस नृशंसता को अंजाम देने वालों को बचाने के लिए दुष्कर्म न होने की खबर छापना पत्रकारिता के इतिहास में ऐसी कलंकित घटना है, जिसका शायद ही कोई दूसरा उदाहरण मिलेगा.
जब हत्यारों का संयुक्त परिवार इस तरह मासूम बच्चियों को भी अपना शिकार बनाने से नहीं बाज आ रहा है और एक मीडिया घराना उसी में शामिल होकर ‘बिहार संवादी’ जैसा साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन करे, तब साहित्यकार, संस्कृतिकर्मियों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों समेत तमाम नागरिकों का फर्ज है कि इसका जोरदार विरोध करे.
उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और मनुष्यता को बर्बाद करने में जो साझीदार हैं, उनकी मूल मंशा संवाद की आड़ में प्रतिक्रियावाद का विस्तार ही हो सकता है. इसका विरोध मनुष्यता के वर्तमान और भविष्य के लिए बेहद ज़रूरी है.