Sunday, October 1, 2023
Homeसिनेमा13 वां गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल 19-20 जनवरी को

13 वां गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल 19-20 जनवरी को

गोरखपुर.  गोरखपुर फिल्म सोसाइटी और जन संस्कृति मंच द्वारा 13वें गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 19-20 जनवरी को सिविल लाइंस स्थित गोकुल अतिथि भवन में किया जा रहा है. समानांतर सिनेमा के प्रमुख स्तम्भ मृणाल सेन की याद और हाशिए के लोगों को समर्पित इस फेस्टिवल में छह दस्तावेजी फिल्म, दो फीचर फिल्म, एक बाल फिल्म के अलावा म्यूजिक वीडियो व लघु कथा फिल्म दिखाई जाएगी.

फेस्टिवल में गोरखपुर के दो युवा फिल्मकारों की फिल्म केा भी जगह दी गई है. फेस्टिवल में शामिल होने आठ फिल्मकार आ रहे हैं.

भुवन शोम

‘ प्रतिरोध का सिनेमा ’ की शुरूआत वर्ष 2006 में पहले गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल के रूप में हुई थी. इसके बाद से हर वर्ष यह आयोजन होता है. इस वर्ष फिल्म फेस्टिवल का 13वां संस्करण आयोजित हो रहा है.

गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत दो म्यूजिक वीडियो ‘ रंग.एक गीत ‘ और ‘ एक देश बड़ा कब बनता है ‘ से होगा. यह म्यूजिक वीडियो कवि लाल्टू के गीत पर आधारित है जिसको हैदराबाद की युवा संगीत टीम होई चोई ने तैयार किया है. इसके बाद प्रख्यात फिल्म निर्देशक मृणाल सेन की याद में उनकी फिल्म ‘ भुवन शोम ’ दिखाई जाएगी.

पहले दिन दो दस्तावेजी फिल्म ‘ अपनी धुन में कबूतरी ’ और ‘ नाच भिखारी नाच ’ दिखाई जाएगी. ‘ अपनी धुन में कबूतरी ’ उत्तराखंड की लोकगायिका कबूतरी देवी की जिंदगी और गायकी पर बनी संजय मट्ट निर्देशित दस्तावेजी फिल्म है. ‘ नाच भिखारी नाच ’ प्रसिद्ध लोक कलाकार भिखारी ठाकुर के साथ काम किये चार नाच कलाकारों की कहानी के जरिए भिखारी ठाकुर की कला को समझने का प्रयास है. इस दस्तावेजी फिल्म का निर्देशन शिल्पी गुलाटी और जैनेन्द्र दोस्त ने किया है.

नाच भिखारी नाच

पहले दिन की खास आकर्षण पवन श्रीवास्तव की फीचर फिल्म ‘ लाईफ आफ एन आउटकास्ट ’ है. यह फीचर फिल्म हाशिये में रह रहे एक पिछड़े और गैर सवर्ण परिवार के लगातार उखड़ने की कहानी है जो हमारे समाज का असल अक्स भी है.

फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन स्पानी कहानी पर आधारित बच्चों की फीचर फिल्म ‘ फर्दीनांद ’ दिखाई जाएगी.

 फर्दीनांद

इसके बाद गोरखपुर के दो युवा फिल्मकारों की फिल्म-वैभव शर्मा की ‘ अद्धा टिकट ’ और डा. विजय प्रकाश की ‘ हू इज तापसी ’ दिखाई जाएगी.  मथुरा के फिल्मकार मो गनी की नौ मिनट की लघु कथा फिल्म ‘ गुब्बारे ’ का भी प्रदर्शन होगा.

अपनी धुन में कबूतरी

दूसरे दिन चार दस्तावेजी फिल्म-‘ दोज स्टार्स इन द स्काई ‘, ‘ परमाणु उर्जा-बहुत ठगनी हम जानी ‘, ‘ लैंडलेस ’ और ‘ लिंच नेशन ’ दिखाई जाएगी। ‘ लिंच नेशन ’ पूरे देश में ‘माब लिंचिंग ‘ की घटनाओं को दस्तावेजीकृत करने की प्रक्रिया में बनाई गई एक ऐसी फिल्म है, जो उत्पीड़ित परिवारों की व्यथा और उनके सवालों के जरिए दर्शकों को बेचैन करती है.

परमाणु उर्जा-बहुत ठगनी हम जानी

‘परमाणु ऊर्जा – बहुत ठगनी हम जानी ‘ बहुत मजाकिया और चुटीले अंदाज़ में हिन्दुस्तान के परमाणू ऊर्जा प्रोजक्ट की पड़ताल करती है. पंजाब के फ़िल्मकार रणदीप मडडोके की फिल्म ‘लैंडलेस’ पंजाब के भूमिहीन दलित कृषि मजदूरों की व्यथा कथा और उनके संगठित होने की दास्तान को दर्ज करती है.

RELATED ARTICLES

5 COMMENTS

Comments are closed.

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments