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10 छात्र -युवा संगठनों ने मिलकर बनाया छात्र- युवा रोजगार अधिकार मोर्चा, तेज करेंगे आंदोलन 

‘ आंकड़ों में मत उलझाओ, रोजग़ार कहाँ है ये बतलाओ ‘ नारे के साथ होगा आंदोलन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अंदर रोजगार के सवाल पर एक संगठित आंदोलन खड़ा करने के लिए शुक्रवार को 10 युवा -छात्र संगठनों की ऑनलाइन बैठक हुई जिसमें छात्र युवा रोजगार अधिकार मोर्चा का गठन करते हुए सुनील मौर्य को इसका संयोजक चुना गया। मोर्चा की 31सदस्यीय संयोजन समिति भी बनायी गई है।

मीटिंग हुई. इस मीटिंग में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO), ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन (AIYF), डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया(DYFI), रिवॉल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन(RYA), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन( AISA), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन(AISF), इंकलाबी छात्र मोर्चा (ICM), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया(SFI), विद्यार्थी युवजन सभा के राज्य पदाधिकारी शामिल हुए.

बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रोजगार देने में फेल साबित हुई है. सरकार बनने के बाद से ही लगातार नौजवानों को सड़क पर उतरकर संघर्ष करना पड़ रहा है. आयोगों के गठन, फार्म निकालने, परीक्षा कराने, रिजल्ट घोषित करने, नियुक्ति करने,आरक्षण लागू करने के साथ-साथ परीक्षाओं में अनियमितता, अपारदर्शिता, भ्रष्टाचार व पेपर आउट के खिलाफ भी सड़क पर लड़ना पड़ रहा है.

युवा नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगीनीत भाजपा सरकार चार साल में चार करोड़ रोजग़ार, जिसमें 04 लाख सरकारी नौकरी देने का आंकड़ा ऐसे प्रस्तुत कर रही है मानो उत्तर प्रदेश में उसने खूब रोजगार दिया लेकिन सच्चाई इसके उलट है. सबसे ज्यादा प्रचार 01लाख 30 हजार शिक्षकों को नौकरी देने का है जबकि सच्चाई यह है कि 01लाख 40 हजार शिक्षामित्रों को हटाने के बाद रिक्त हुआ यह पद भरा जाना तय था, इस तरह भर्ती में नया रोजग़ार तो मिला ही नहीं. इसी तरह के आंकड़े प्रस्तुत कर सरकार चुनाव के पहले बेरोजगारी के आंकड़े को छिपाना चाहती है. सबसे बड़ा खेल युवाओं को कर्ज बांटकर रोजगार देने का खेल किया जा रहा है. मनरेगा के काम, जो अपर्याप्त है और मिला भी नहीं, को रोजगार देना मानकर सरकार वाहवाही लूट रही है. मतलब साफ है कि सरकार पान बेचने, पकौड़ा तलने को भी रोजगार देना बता रही है जो कि युवाओं के साथ अन्याय है.

जिन दो शिक्षक भर्तियों (68500 व 69000) को जोड़कर वाहवाही लूटी जा रही है वे नौजवान आज भी सड़क पर संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं. सरकार युवाओं को रोजगार देना नहीं चाहती है इसीलिए लगातार नौजवानों को अयोग्य घोषित करने में लगी है. अध्यापक बनने के लिए टेट (TET ) व यूपीएसएसएससी की परीक्षा देने के लिए पेट (PET) पास करना इसी रणनीति का हिस्सा है.

नेताओं ने कहा कि सरकार स्थाई काम के लिए स्थाई रोजगार उपलब्ध कराएं इसके लिए ठेका, संविदा व निजीकरण पर रोक लगाएं.

आज हुई मीटिंग में ‘ आंकड़ों में मत उलझाओ, रोजग़ार कहाँ है ये बतलाओ ‘ नारे के साथ सभी रिक्त पदों को भरने और सभी नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार की गारंटी के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन तैयार करने की योजना बनी.

मीटिंग में छात्र युवा रोजगार अधिकार मोर्चा की 31सदस्यीय संयोजन समिति का गठन किया गया, सर्वसम्मति से संयोजक सुनील मौर्य को चुना गया.

मीटिंग में एआईडीवाईयो से मकरध्वज, राम कुमार, एआईवाईएफ से नीरज यादव, डीवाईएफआई से सत्यभान, आरवाईए से राकेश सिंह, उदयभान चौधरी , एआईडीएसओ से हरिशंकर, दिलीप कुमार, यादवेंद्र पाल , एआईएसए से शिवम, आयुष, शिवेंद्र , एआईएसएफ से संजय सिंह ,मुजम्मिल,उज्जवल शर्मा , आईसीएम से सोनू वर्मा , एसएफआई से विकास स्वरुप, विवेक सिंह, विद्यार्थी युवजन सभा से शैलेश कुमार ‘मोनू’ शामिल रहें. संचालन आरवाईए के राज्य सचिव सुनील मौर्य ने किया.

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