बटाईदार किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दे सरकार-भाकपा माले
मनोज मंजिल
पटना, 8 अप्रैल.भोजपुर के बड़हरा प्रखंड के सिन्हा ओपी के घाघर मिल्की गांव में बटाईदार किसान दशरथ बिंद ने 8 अप्रैल को आत्महत्या कर ली. वह कर्ज के बोझ से दबे हुए थे और ओलावृष्टि के कारण उन्हें खेती में काफी नुकसान हुआ था.
भाकपा-माले की जांच टीम ने 8 अप्रैल को घटनास्थल का दौरा किया. जांच टीम में भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य मनोज मंजिल, राजू यादव, तरारी से भाकपा-माले विधायक सुदामा प्रसाद, बड़हरा के प्रखंड सचिव नंद जी और अमित कुमार बंटी शामिल थे.
जांच टीम के हवाले से विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि भोजपुर में भी अब किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यह दिखलाता है कि हमारी सरकारें किसानों और खासकर बटाईदार किसानों के अधिकारों के प्रति पूरी तरह बेईमान हैं. दशरथ बिंद ने 8 अप्रैल की सुबह भुवनेश्वर सिंह के आम के बगीचे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने दो बिगहा जमीन पर बटाई पर खेती की थी. साथ में घाघर में दो व देवरिया में आम का बगीचा 2 लाख रुपया कर्ज लेकर लिया था. दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि की वजह से फसल मारी गई व आम के टिकोले पूरी तरह बर्बाद हो गए. फसल की तबाही और भारी कर्ज के दबाव में आकर उन्होंने हताशा में यह कदम उठाया.
जांच टीम ने कहा है कि बिंद जाति के 250 गरीब-बटाईदार किसानों की एक सी स्थिति है. सबके चेहरे पर शिकन हैं कि कर्ज कैसे लौटाया जाएगा ? सबके चेहरे पर हवाई उड़ रहा है. उन्हें इस बात का बखूबी ज्ञान है कि फसल क्षति का मुआवजा यदि कुछ मिलता भी है, तो वह भूस्वामियों को मिलेगा न कि बटाईदार किसानों को.
जांच टीम ने दशरथ बिंद के परिजनों को तत्काल 10 लाख का मुआवजा, सरकारी नौकरी, इंदिरा आवास तथा बटाईदार किसानों को फसल क्षति का मुआवजा व पहचान पत्र देने की मांग की है.