लखनऊ, 2 मई। पत्रकार व आकाशवाणी पटना में समाचार वाचक रहे आनन्द कुमार का बीते 29 अप्रैल को लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में निधन हो गया। वे हिन्दी के जाने माने कवि व प्रसिद्ध आलोचक तथा जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामनिहाल गुंजन के ज्येष्ठ पुत्र थे।
आनन्द कुमार का पिछले तीन साल से किडनी का इलाज पीजीआई लखनऊ में चल रहा था। सप्ताह में दो बार उनका डायलिसिस किया जाता था। उनकी किडनी के ट्रांसप्लान्ट की तैयारी चल रही थी। इस संबंध की सारी जांच पूरी हो चुकी थी। आनन्द कुमार की पत्नी अपनी एक किडनी दे रही थी। उनकी आखिरी डायलिसिस 12 अप्रैल को होनी थी। उसके बाद उनकी किडनी के ट्रांसप्लान्टेशन की प्रक्रिया शुरू की जाती। लेकिन मशीन की खराबी की वजह से उनकी डायलिसिस नहीं हो पाई। उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। दूसरी मशीन पर शिफ्ट करने में देरी की गई। जब तक दूसरी मशीन से उनकी डायलिसिस की जाती तब तक आनन्द कुमार की हालत काफी खराब हो चुकी थी। वे कोमा में जा चुके थे। 29 अप्रैल तक इसी हलत में वे रहे और इसी दिन अपराहन चार बजे उनका निधन हो गया।
उम्मीद की जा रही थी कि 12 अप्रैल की डायलसिस के बाद उनकी किडनी का ट्रांसप्लान्ट होता और वे आगे का जीवन जीते। लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ।
यह पूरा प्रकरण पीजीआई जैसे ख्यात आधुनिक स्वास्थ्य संस्थान की व्यवस्था को सामने लाता है। यह जीवन रक्षक उपकरणों के रखरखाव और प्रयोग को लेकर सतर्कता के प्रति लापरवाही की ही घटना नहीं है बल्कि स्वास्थ व्यवस्था में आ रही गिरावट और जीवन के प्रति बढ़ती संवेदनहीनता का भी उदाहरण है। इस प्रसंग पर जन संस्कृति मंच अपना रोष प्रकट करता है तथा आनन्द कुमार के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है। मंच रामनिहाल गुंजन और उनके परिजनों के इस दुख में शरीक है।
आज गुंजन जी से मिलने जसम के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर, उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार और लखनऊ इकाई के संयोजक श्याम अंकुरम लखनऊ पीजीआई स्थित उनके अस्थाई आवास पर गए और आनन्द कुमार के निधन पर अपनी शोक संवेदना प्रकट की।
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