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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस लाठी चार्ज में छात्र संघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित दो दर्जन छात्र घायल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दो मई को पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के आगमन के मौके पर छात्रों पर हिंन्दू संगठनों के हथियारबंद लोगों ने हमला किया। इसके खिलाफ जब छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उन पर ही लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित दो दर्जन से अधिक छात्र घायल हुए हैं।

छात्रों का आरोप है कि पिस्टल और रिवाल्वर से लैस हिन्दू जागरण मंच और हिन्दू युवा वाहिनी के लोग पूर्व उप राष्ट्रपति पर हमला करने के इरादे से आए थे।

पूर्व उपराष्टपति हामिद अंसारी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ ( एएमयू एसयू ) ने यूनिवर्सिटी के कैनेडी ऑडिटोरियम में लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया था। इस मौके पर उन्हें छात्र संघ की आजीवन मानद सदस्यता भी दी जानी थी। श्री अंसारी एएमयू के छात्र और वाइस चांसलर रह चुके हैं।

इस कार्यक्रम के एक सप्ताह पहले से अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने छात्र संघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने को लेकर बयानबाजी शुरू कर दी। यह एक सोची समझी साजिश का हिस्सा था जिसके पीछे आरएसएस, भाजपा और हिंदू संगठन थे।

आरएसएस और हिंदू संगठन काफी समय से जेएनयू की तरह एएमयू को निशाना बनाने की कोशिश करते रहे हैं।

कुछ समय पहले एएमयू में आरएसएस की शाखा खोलने की माँग की गई थी जिसका छुपा हुआ उद्देश्य यूनिवर्सिटी का माहौल बिगाड़ कर यूनिवर्सिटी की हिन्दू मुस्लिम एकता को बर्बाद करना था।

इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए छात्र संघ हॉल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को मुद्दा बनाया गया और मीडिया में बयानबाजी कर माहौल खराब कर हिन्दू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश की गई।

एएमयू छात्र संघ ने 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना को लाइफ मेम्बरशिप अवार्ड दिया था । यह वही मोहम्मद अली जिन्ना थे जो एक वक्त शहीदे आजम भगत सिंह के वकील रहे। बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने उनके मजार पर जाकर उनके कसीदे पढ़े और बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने उन पर किताब लिखी।

ताजा विवाद खड़ा करने के पीछे भाजपा सांसद सतीश गौतम की अपनी सियासी वजहें भी हैं। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में अपना टिकट पक्का करने के लिए वह चर्चा में आना चाहते थे क्योंकि पार्टी के भीतर उनका टिकट कटने की चर्चा चल रही है।

अपरान्ह दो बजे पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी लेक्चर देने यूनियन हाल पहुंचे। इसके कुछ ही देर बाद 2.50 बजे हिन्दू युवा वाहिनी, हिन्दू जागरण मंच से जुड़े एक दर्जन से अधिक लोग पिस्टल और रिवॉल्वर से लैस यूनिवर्सिटी गेट पर पहुंच गए। ये लोग ‘ भारत माता की जय ’, ‘ वंदेमातरम ’ का नारा लगा रहे थे।
पूर्व उप राष्ट्रपति के कार्यक्रम के बावजूद पुलिस ने इन्हें यूनिवर्सिटी गेट पर एकत्र होने से नहीं रोका। इन लोगों ने यूनिवर्सिटी गेट से गुजर रहे कई छात्रों पर हमला किया और उन्हें पीटा। उन्हें ऐसा करते देखने के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

इस घटना की जानकारी होने पर 3.10 बजे छात्र संघ के पदाधिकारी और छात्र नेता बाबे सय्यद पर इकट्ठा हुए। छात्रों पर हमला करने वाले 6 गुंडों को पकड़ कर यूनिवर्सिटी पुलिस के हवाले किया गया लेकिन आधे घंटे बाद ही पुलिस ने उन सभी को छोड़ दिया. पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए भी तैयार नहीं हुई।

छात्रों का आरोप है कि ये गुंडे पुर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के काफिले पे हमला करने के उद्देश्य से आये थे।

छात्रों पर हमले के विरोध और हमलावरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर 3.55 बजे छात्र बाबे सय्यद पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन एकदम शांतिपूर्ण था लेकिन एक घंटे बाद अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

लाठीचार्ज में दो दर्जन से अधिक छात्र बुरी तरह से लहूलुहान हुए। घायल छात्रों को मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। घायलों में छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी और उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर भी शामिल हैं।

यूनिवर्सिटी के टीचर्स यूनियन ने रात आठ बजे जीबीएम बुला कर इस पुलिसिया दमन और राज्य सरकार की मंशा की भर्त्सना की और इसके खिलाफ सभी से उठ खड़े होने की अपील की है।

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