जन संस्कृति मंच ने पदयात्रा का समर्थन किया, युवाओं से पदयात्रा में भाग लेने की अपील की
नई दिल्ली. गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार भीम आर्मी एकता मिशन के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद रावण की रिहाई के लिए आज से दिल्ली से सहारनपुर तक पदयात्रा शुरू कर रहे हैं. यह पदयात्रा आज सुबह 10 बजे से राजघाट से शुरू होगी और 17 मार्च को सहारनपुर केंद्रीय जेल पहुंचेगी।
जन संस्कृति मंच ने इस पदयात्रा का समर्थन करते हुए नौजवानों से भारी संख्या में पदयात्रा में शामिल होने की अपील की है.
भीम आर्मी एकता मिशन के संस्थापक आज़ाद को पिछले नवम्बर में इलाहाबाद हाईकोर्ट से पांच में से चार मामलों में बेल मिल गई थी। कोर्ट का अवलोकन यह था कि उनके ख़िलाफ़ मामले गढ़े गए प्रतीत होते हैं। सहारनपुर दलित विरोधी दंगों के दौरान आज़ाद ने शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे स्थानीय प्रशासन ने तस्लीम किया था। भीम आर्मी सभी तबकों के सहयोग से यूपी और आसपास के राज्यों में दलितों के बीच शिक्षा का काम करने के लिए जानी जाती है। दलित जागृति से घबराए हुए लोग भीम आर्मी एकता मंच के ख़िलाफ़ झूठी अफवाहें फैलाते हैं।
लेकिन जमानत के कुछ ही घण्टों के भीतर आज़ाद पर एन एस ए लगा दिया गया। जाहिर है सरकार दलित कार्यकर्ता को रिहा नहीं होने देना चाहती। जेल में आज़ाद को शारीरिक और मानसिक यंत्रणा दी जाती रही थी, जिसके कारण उनकी सेहत नाज़ुक बनी हुई है। यह उस दौर में हो रहा है, जब यूपी और हरियाणा में दंगे फ़साद के सैकड़ों आरोपियों के ख़िलाफ़ मामले वापिस लिए जा रहे हैं।
सरकार के पक्षपातपूर्ण और दमनकारी रवैये के ख़िलाफ़ लोकतांत्रिक प्रतिरोध धीरे धीरे तेज हो रहा है। हिमांशु कुमार की पदयात्रा इसकी एक कड़ी है।