लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में नामांकन व परीक्षा शुल्क को बढाने तथा परीक्षा परिणामों में हुई धांधली के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन में भागीदारी कर रहे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं निखिल राज तथा आदित्य मिश्रा सहित कई प्रदर्शनकारियों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों पर हसनगंज थाने में केस भी दर्ज किया गया है।
छात्रों का आरोप है कि परीक्षा परिणाम में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। विवि प्रशासन की ओर से प्रोन्नति में इतने कम अंक दिए गए हैं कि उससे विद्यार्थियों की आगे की पढ़ाई के लिए अनिवार्य अर्हता भी पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में विवि प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की बात सुनकर परिणामों को ठीक करने के बजाय विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही नई शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने के नाम पर नामांकन शुल्क और परीक्षा शुल्क में भी भारी बढ़ोतरी की गई है जिससे कि वंचित तबकों के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा में प्रवेश का सपना ही अधूरा रह जायेगा।
आइसा नेता शिवम सफीर ने कहा कि “वर्तमान सरकार और विश्वविद्यालयों में काबिज उनके कुलपति नई शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने के नाम पर शिक्षा को एक उत्पाद बनाने का प्रयास कर रहे हैं और जब छात्र उनका विरोध करते हैं तो उनके सभी लोकतांत्रिक अधिकारों को नजरअंदाज करके उनपर मुकदमा लाद दिया जाता है। यह रवैया बहुत अधिक दिन तक चल नहीं पाएगा। नई शिक्षा नीति तथा वंचित तबकों को शिक्षा से बाहर करने की सरकारी नीति के खिलाफ आइसा हर स्तर पर संघर्ष करेगा। यदि प्रदर्शनरत साथियों को तत्काल रिहा करके उनपर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।”
आइसा हमेशा से ही ऐसे किसी भी फरमान के खिलाफ खड़ा होता रहा है जोकि वंचित समूहों को शिक्षा से बेदखल करने की कोशिश करते हैं और आगे भी होता रहेगा। हमारी माँग है कि तत्काल प्रदर्शनकारियों की सभी माँगों को माना जाय तथा उनपर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं।