ज़ेर-ए-बहस ‘हम देखेंगे’: सृजन एवं विचार के हक़ मेंसमकालीन जनमतMarch 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 20205 2905 लेखकों एवं कलाकारों का कन्वेन्शन 1 मार्च 2020, जंतर मंतर, दिल्ली सुभाष गाताडे दिल की बीरानी का क्या मज़कूर है यह नगर सौ मर्तबा लूटा...
ज़ेर-ए-बहस सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में लेखकों और कलाकारों के अखिल भारतीय कन्वेंशन “हम देखेंगे” में अरुंधति रॉय का बयानसमकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 202003475 1 मार्च, 2020 प्यारे दोस्तों, साथियों, लेखकों और फ़नकारों ! यह जगह जहाँ हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर...