कविता अखिल कत्याल की कविताएँ दोस्त की तरह हैंसमकालीन जनमतOctober 9, 2022October 9, 2022 by समकालीन जनमतOctober 9, 2022October 9, 2022078 शुभम श्री अखिल की कविताओं को कैसे पढ़ें सबसे पहले इन पाँच सौ शब्दों के चिट्ठे को नज़रअंदाज करें और तेज गति से स्क्रोल कर...
कविता शुभम श्री की कविताएँ: मामूली से दिखने वाले बेहद ज़रूरी सवालसमकालीन जनमतJuly 25, 2021July 25, 2021 by समकालीन जनमतJuly 25, 2021July 25, 202101948 दीपशिखा शुभम की कविताएँ हमारे समय और समाज में मौजूद रोज़मर्रा के उन तमाम दृश्यों और ज़रूरतों की भावनात्मक अभिव्यक्ति हैं, जिन्हें आमतौर पर देखते...