समकालीन जनमत

Tag : विजया सिंह

कविता

विजया सिंह की कविताएँ मानवता के पक्ष में युद्धरत हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय मुझे संवेदनों की महीनता और दृष्टि की व्यापकता में व्युत्क्रमानुपाती संबंध लगता है। संवेदन जितने महीन होंगे दृष्टि या विज़न उतनी ही व्यापक...
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