कविताजनमतस्मृति जीवन को एक कार्निवल के रूप में देखने वाला कवि कुँवर नारायणसमकालीन जनमतSeptember 19, 2018September 19, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 19, 2018September 19, 201804173 कमोबेश दो शताब्दियों की सीमा-रेखा को छूने वाली कुँवर नारायण की रचना-यात्रा छह दशकों से भी अधिक समय तक व्याप्त रही है। उनका पूरा...
जनमतस्मृति आत्म-अलगाव (एलिअनेशन) का प्रश्न और मुक्तिबोधरामजी रायSeptember 11, 2018September 11, 2018 by रामजी रायSeptember 11, 2018September 11, 201803157 ( गजानन माधव मुक्तिबोध (जन्म : 13 नवंबर 1917-मृत्यु :11 सितंबर 1964) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार रहे हैं ....
कविताज़ेर-ए-बहस हरम सरा नहीं कविता चाहिएसमकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 2018 by समकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 20184 3269 ‘ जेंडर बाइनरिज़्म ’ दोनों ध्रुवों के बीच पड़ने वाली सारी चीज़ों को परिधि पर फेंक देता है. यह स्थापित करता है कि स्याह और...