समकालीन जनमत

Tag : अनामिका अनु

पुस्तक

इंजीकरी: सहेली सा संवाद करतीं, समय की भाषा गढ़तीं बिल्ब पत्र सरीखी कविताएँ

समकालीन जनमत
अर्चना लार्क कवि अनामिका अनु का कविता संग्रह ‘इंजीकरी’। बिल्वपत्र’ सरीखी इस संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं कि पाठक का...
कविता

अनामिका अनु की कविताएँ स्त्री विमर्श को कई कोणों से देखती हैं

समकालीन जनमत
विशाखा मुलमुले   अनामिका अनु जी मूलतः बिहार की रहवासी हैं व कर्मभूमि से केरल की हैं। मैं जब उनकी कविताएँ पढ़ती हूँ तो कविता...
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