समकालीन जनमत

Tag : Rahi Dumarcheer

जनमत

विश्व आदिवासी दिवस: ‘दे और दिल उन को जो न दे मुझ को ज़बाँ और’

समकालीन जनमत
राही डूमरचीर आज से अठारह साल पहले की एक दोपहर, जब मैं सही मायने में इस धरती का सच्चा नागरिक बनने की प्रक्रिया से जुड़...
कविता

राही डूमरचीर आदिवासी समाज और जीवन के गहरे कंसर्न के कवि हैं

समकालीन जनमत
विनय सौरभ राही डूमरचीर की कविताएँ पढ़ते हुए कुछ साधारण चीज़ें असाधारण तरीक़े से उनकी कविताओं में आती दिखती हैं। जैसे उनकी कविताओं के विषय।...
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