जनमत विश्व आदिवासी दिवस: ‘दे और दिल उन को जो न दे मुझ को ज़बाँ और’समकालीन जनमतAugust 9, 2021August 9, 2021 by समकालीन जनमतAugust 9, 2021August 9, 20210689 राही डूमरचीर आज से अठारह साल पहले की एक दोपहर, जब मैं सही मायने में इस धरती का सच्चा नागरिक बनने की प्रक्रिया से जुड़...
कविता राही डूमरचीर आदिवासी समाज और जीवन के गहरे कंसर्न के कवि हैंसमकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 202102157 विनय सौरभ राही डूमरचीर की कविताएँ पढ़ते हुए कुछ साधारण चीज़ें असाधारण तरीक़े से उनकी कविताओं में आती दिखती हैं। जैसे उनकी कविताओं के विषय।...