समकालीन जनमत

Tag : Navin Rangiyal

कविता

पूनम सोनछात्रा की कविताएँ प्रेम और दर्शन के महीन सिरे हैं

समकालीन जनमत
नवीन रांगियाल कई बार मैं महसूस करता हूँ कि कविताएँ किसी की नींद की तरह होनी चाहिए. उसकी धड़कन की हल्‍की आवाज़ें महसूस करने की...
जनमत

‘प्रेम’ नवीन रांगियाल की कविताओं का अर्क है

समकालीन जनमत
 गीत चतुर्वेदी नवीन रांगियाल की कविताएँ पढ़ते हुए प्राचीन संस्कृत काव्यशास्त्र की सहज स्मृति हो जाती है। नवीन अपनी कविता में हर अक्षर, हर शब्द...
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