समकालीन जनमत

Tag : Gunjan Srivastava

कविता

अपराजिता अनामिका की कविताएँ पुरुष प्रधान समाज से प्रतिवाद करती स्त्री अस्मिता की पक्षधर हैं

समकालीन जनमत
गुंजन विधान किसी कवि के शुरुआती दौर में जो आवेग और मौजूदा सामाजिक ढांचे के साथ ऐतिहासिक समझ होनी चाहिए वह अपराजिता अनामिका में मौजूद...
कविता

माया मिश्रा की कविताओं में कभी न ख़त्म होने वाली उम्मीद का एक शिखर है

समकालीन जनमत
गुंजन श्रीवास्तव माया मिश्रा जी की कविताओं को पढ़कर एक बात तो साफ़ कही जा सकती है कि यह एक कवि के परिपक्व अनुभव से...
कविता

अंतिम आदमी की हालत बयाँ करतीं विधान की कविताएँ

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल गुंजन श्रीवास्तव ‘विधान’ की कविताएँ ‘कवियों के कवि’ शमशेर बहादुर सिंह से लेकर सीधा नारा की तर्ज़ पर गांधी के ‘अंतिम आदमी’ की...
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