समकालीन जनमत

Tag : मार्क्स की 200वीं जयंती पर

कविता

‘ वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशन, वह आग सीन-ए-इन्साँ में आफ़ताब है आज ’

उमा राग
जटिल दार्शनिक-आर्थिक तर्क-वितर्क के संसार में रहने के बावजूद मार्क्स ने कई कविताएँ लिखीं और उन पर भी बहुत सी कविताएँ लिखी गयीं, जिनमें से...
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