अनिल अनलहातु का पहला काव्य संग्रह ‘बाबरी मस्जिद तथा अन्य कविताएँ’ विकास के विडम्बनाबोध की अभिव्यक्ति है
अपनी विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘सेपियन्स’ में युवाल नोआ हरारी संस्कृति और तथाकथित मनुष्यता पर सवाल उठाते लिखते हैं- …हमारी प्रजाति, जिसे हमने निर्लज्ज ढंग से...