समकालीन जनमत

Tag : प्रवीण परिमल

कविता

प्रवीण परिमल की कविताओं में प्रेम है तो अन्याय का प्रतिकार भी

समकालीन जनमत
कौशल किशोर प्रवीण परिमल की कविताओं पर आलोचक प्रो रविभूषण का कहना है ‘जो प्रेम नहीं करता, वह मनुष्य ही नहीं है।…..प्रेम ही जीवन है।...
Fearlessly expressing peoples opinion