शख्सियत क्रांतिकारी सांख्यिकीविदसमकालीन जनमतNovember 17, 2020November 17, 2020 by समकालीन जनमतNovember 17, 2020November 17, 202002387 ( अंग्रेजी अखबार बिज़नेस स्टैंडर्ड में 14 नवंबर को प्रकाशित आर्चिस मोहन के लेख का हिंदी अनुवाद, अंग्रेजी से अनुवाद : इन्द्रेश मैखुरी ) देश...
दुनियाशख्सियतस्मृति मार्क्स ने खुद के दर्शन को निर्मम और सतत आलोचना के रूप में विकसित किया : दीपंकर भट्टाचार्यविष्णु प्रभाकरMay 4, 2018May 4, 2018 by विष्णु प्रभाकरMay 4, 2018May 4, 201802877 मार्क्स के दबे हुए लोग और अंबेडकर के बहिष्कृत लोग एक ही हैं। इसी तरह मार्क्स ने भारत में जिसे जड़ समाज कहा, अंबेडकर ने...