साहित्य-संस्कृति कवि केदारनाथ सिंह पर केंद्रित ‘साखी’ के विशेषांक और उनकी कविताओं पर परिचर्चासमकालीन जनमतOctober 6, 2019October 6, 2019 by समकालीन जनमतOctober 6, 2019October 6, 201904041 जन संस्कृति मंच, अलीगढ़ और हिंदी विभाग, श्री वार्ष्णेय कॉलेज, अलीगढ के संयुक्त तत्वावधान में वार्ष्णेय कॉलेज में तीन अक्टूबर को केदारनाथ सिंह पर केंद्रित...
कविता पहली पुण्यतिथि पर बलिया ने याद किया केदार नाथ सिंह कोसमकालीन जनमतMarch 20, 2019 by समकालीन जनमतMarch 20, 20193 3044 कवि केदारनाथ सिंह की स्मृति में बलिया में हुआ कार्यक्रम केदार जी से हमारी पीढ़ी ने बहुत कुछ सीखा – निलय उपाध्याय केदारनाथ सिंह भोजपुरी...
कविता यहीं कही रहेंगे केदारनाथ सिंहसमकालीन जनमतMarch 22, 2018March 22, 2018 by समकालीन जनमतMarch 22, 2018March 22, 201802997 मंगलेश डबराल, वरिष्ठ कवि हिन्दी कविता की एक महत्वपूर्ण पीढी तेज़ी से विदा हो रही है. यह दृश्य दुखद और डरावना है जहां ऐसे बहुत...
जनमत गंवई संवेदना और वैश्विक दृष्टि के कविसमकालीन जनमतMarch 21, 2018March 22, 2018 by समकालीन जनमतMarch 21, 2018March 22, 201812742 अरुण आदित्य केदारनाथ सिंह करीब चार दशक से दिल्ली में रहते हुए भी ग्रामीण संवेदना के कवि बने रहे। छल-बल की इस राजधानी में भी...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति ‘ कविता भविष्य में गहन से गहनतर होती जाएगी ’मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018March 20, 2018 by मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018March 20, 201801804 ( प्रख्यात कवि प्रो. केदारनाथ सिंह ने 26 फरवरी 2016 को गोरखपुर के प्रेमचंद पार्क में प्रो परमानंद श्रीवास्तव की स्मृति में ‘ कविता...
स्मृति मै गांव-जवार और उसके सुख-दुख से जुड़ा हुआ हूंमनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018June 23, 2020 by मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018June 23, 202002717 (ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के बाद डॉ केदारनाथ सिंह से यह संक्षिप्त बातचीत टेलीफ़ोन पर हुई थी. यह साक्षात्कार दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था. )...
स्मृति अलविदा, स्टार गुरु जी !संजय जोशीMarch 20, 2018March 20, 2018 by संजय जोशीMarch 20, 2018March 20, 201802050 मैंने 1989 के जुलाई महीने में जे एन यू के भारतीय भाषा विभाग के हिंदी विषय में एडमिशन लिया. कोर्स एम ए का था....
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति उठो कि बुनने का समय हो रहा हैसमकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 2020 by समकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 202002474 केदारनाथ सिंह की कुछ कविताएं मुक्ति का जब कोई रास्ता नहीं मिला मैं लिखने बैठ गया हूँ मैं लिखना चाहता हूँ ‘पेड़’ यह जानते...
कविताख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति वह चला गया, जिसने कहा था कि जाना सबसे खौफनाक क्रिया हैसमकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 2020 by समकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 202002689 आशीष मिश्रा, युवा आलोचक हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि केदारनाथ सिंह हमारे बीच नहीं रहे . कवि केदारनाथ सिंह के जाने के साथ ही न...