विज्ञान सुन्दर कल्पनाएँ सुन्दर यथार्थों की भूमि पर ही लहलहाती हैंसमकालीन जनमतOctober 22, 2018October 23, 2018 by समकालीन जनमतOctober 22, 2018October 23, 20185 2450 डॉ. स्कंद शुक्ला शरद की रातें आसमान के हीरों को निहारने के लिए हैं। बरसात अब उतनी नहीं हो रही कि पूरी कालिमा पर मेघाच्छादन...
शख्सियत महावीर प्रसाद द्विवेदी का स्मरण आज भी क्यों ज़रूरी हैसमकालीन जनमतMay 15, 2018May 16, 2018 by समकालीन जनमतMay 15, 2018May 16, 201803407 द्विवेदी जी उस ईश्वर को ‘भ्रष्ट ईश्वर’ कहते हैं, जिसकी दुहाई छुआ-छूत मानने वाले देते हैं. द्विवेदी जी का निर्भीक आह्वाहन है- ‘ऐसे भ्रष्ट ईश्वर...